प्रयागराज (राजेश सिंह)। ओल्ड कैंट क्षेत्र में 22 चौथम लाइन पर सेना की भूमि पर बने अवैध निर्माणों के खिलाफ शुक्रवार को रक्षा संपदा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। बैकहो लोडर की मदद से ईंट-पत्थर से बने मकानों को ध्वस्त किया गया, जहां कुछ लोगों ने अवैध रूप से आवास बना लिए थे। रक्षा संपदा की टीम ने कई बार चेतावनी दी थी, लेकिन अतिक्रमण न हटाए जाने पर यह कदम उठाया गया।
कार्रवाई के दौरान दर्जनों महिलाएं एकत्र हो गईं और निर्माण न तोड़ने की अपील करती रहीं। उनका कहना था कि वे वर्षों से यहां रह रहे हैं, और अब उनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है। भारी विरोध के बीच कार्रवाई जारी रही और छोटे घरों को तोड़ा गया, कुछ को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। कार्रवाई के दौरान कुछ देर में अतिक्रमणकारियों ने विरोध तेज किया, लेकिन पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए चेतावनी दी कि अवैध निर्माण में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी। इसके बाद लोग पीछे हट गए।
दरअसल, आपरेशन सिंदूर के बाद रक्षा मंत्रालय ने देशभर में सेना की जमीनों और हवाई पट्टियों से अतिक्रमण हटाने के सख्त निर्देश जारी किए हैं, ताकि आपात स्थिति में सेना इसका उपयोग कर सके। इसके तहत पड़िला हवाई पट्टी व बड़े हनुमान मंदिर के पास कार्रवाई के बाद शुक्रवार को रक्षा संपदा और पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीमों ने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे स्वेच्छा से अतिक्रमण हटा लें।
रक्षा संपदा टीम ने स्पष्ट किया कि यह भूमि सेना के उपयोग के लिए आरक्षित है और राष्ट्रहित में इसे खाली कराना आवश्यक है। रक्षा संपदा के रीजनल आफिसर जितेंद्र यादव व प्रशासनिक अधिकारी अरविंद यादव का कहना है कि यहां सेना की लगभग आठ एकड़ जमीन है, जिसे पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा। कुछ लोगों ने सामान हटाने के लिए रात भर का समय मांगा, जिसे मानवीय आधार पर स्वीकार किया गया। शनिवार को भी कार्रवाई जारी रहेगी। सेना को इस जमीन की जरूरत है, और सभी को राष्ट्रहित में सहयोग करना चाहिए।