प्रयागराज (राजेश सिंह)। कौशांबी के चर्चित अपहरणकांड के मास्टरमाइंड शिवबाबू मौर्या को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार कर लिया है। अभियुक्त पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। वह कौशांबी के करारी थाना क्षेत्र स्थित पिपरकुंडी गुआरा का निवासी है।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी शैलेश प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले कौशांबी में 13 वर्षीय प्रतीक विश्वकर्मा उर्फ रितिक विश्वकर्मा का अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद उसके परिवार वालों से फिरौती मांगी गई थी। स्थानीय पुलिस ने सुभाष विश्वकर्मा, अमित यादव व गुड्डू को गिरफ्तार करते हुए किशोर को बरामद किया था। मगर घटना का मास्टरमाइंड शिवबाबू मौर्या फरार था। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया।
इसके बाद गिरफ्तारी के लिए इंस्पेक्टर जय प्रकाश राय के नेतृत्व में दारोगा रणेंद्र, हेड कांस्टेबल प्रभंजन व रोहित सिंह, संतोष कुमार, किशनचंद्र की टीम को लगाया गया। सोमवार को टीम ने सैनी क्षेत्र में घेरेबंदी करके आरोपित शिवबाबू को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि भोपाल से डी-फार्मा की पढ़ाई करके गांव में ही प्रैक्टिस कर रहा था। उसकी दोस्ती गुड्डू यादव से हुई।
फिर गुड्डू यादव ने अपने साथी सुभाष चन्द्र विश्वकर्मा, अमित यादव और अरविंद यादव से मुलाकात करवाई। उनके साथ उठना-बैठना शुरू हो गया। इसी बीच पता चला कि अरविंद का पुराना दोस्त भारत लाल विश्वकर्मा के पिता रामशिरोमणि ने 80 लाख रुपये में जमीन बेची है। पैसे की लालच में सभी ने योजनाबद्ध तरीके से रामशिरोमणि के नाबालिग लड़के प्रतीक उर्फ रितिक विश्वकर्मा का अपहरण कर लिया।
अरविंद यादव ने गाड़ी का इंतजाम किया था और बाकी लोगों को अलग-अलग काम मिला था। अपहरणकर्ताओं ने 25 लाख रुपये फिरौती की रकम मांगी थी। उसके संबंध में सैनी थाने में मुकदमा लिखकर तीन आरोपितों को पूर्व में गिरफ्तार किया गया था। अब शिवबाबू की गिरफ्तारी हुई है।