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धोखाधड़ी के आरोपी स्कूल प्रबंधक की जमानत मंजूर

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कोर्ट ने कहा-34 आपराधिक केसों का इतिहास है, इसमें से 11 केस चेक अनादर के सिविल

प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने षड्यंत्र, धोखाधड़ी, गबन के आरोपी शांति विद्यापीठ जूनियर हाईस्कूल बेंदो करछना प्रयागराज के प्रबंधक रहे रजनीकांत शुक्ल व एक अन्य की सशर्त जमानत मंजूर कर ली।

कोर्ट ने कहा याची का 34 आपराधिक केसों का इतिहास है। जिसमें से 11 केस चेक अनादर के सिविल मामले है।अभी किसी केस में सजा नहीं मिली है। एफआईआर छः साल बाद दर्ज की गई है और ट्रायल शीघ्र पूरा होने की उम्मीद नहीं है। इसलिए याची जमानत पाने का हकदार हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने दिया है।

शिकायतकर्ता श्रीमती शिखा मिश्रा ने 8 अगस्त 22 को जार्जटाउन थाने में एफआईआर दर्ज कराई। आरोप लगाया कि विद्यालय ने सहायक अध्यापक अंग्रेजी पद का विज्ञापन निकाला।याची ने आवेदन किया। स्कूल गई तो प्रबंधक याची उसे अपने घर ले गया।वहां परिवार के साथ बातचीत हुई। नियुक्ति के लिए 20 लाख रूपए की मांग की जिसमें 15 लाख तय हुआ। पीड़िता ने रूपये दे दिए। नियुक्ति पत्र भी जारी किया गया। किंतु कहा पांच लाख बकाया देने पर ही ज्वाइन करायेंगे। न दे पाने पर ज्वाइन नहीं कराया और छः साल बीत जाने के बावजूद न ही पैसा वापस किया। जिस पर एफआईआर दर्ज की गई है।

याची ने आरोप निराधार व झूठा बताया कहा कि 17 जून 21 को पीड़िता के रिश्तेदार ने याची का अपहरण कर लिया था।जिसकी एफआईआर दर्ज है। रिश्तेदार गिरफ्तार किया गया है। यह एफआईआर पेशबंदी में दर्ज कराई गई है।

याची का कहना था कि केस में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है किन्तु अभी किसी गवाह का परीक्षण नहीं किया गया है। ट्रायल शीघ्र पूरा होने की उम्मीद नहीं है। अनिश्चित काल तक जेल में कैद रखना अनुच्छेद 21 के मूल अधिकारों का उल्लघंन है। याची की केस हिस्ट्री है किन्तु किसी में सजा नहीं मिली है।

सरकारी वकील ने कहा आपराधिक इतिहास है। याची अपराध करने का आदी हैं। इसलिए लिए गये पैसे का 25 फीसदी जमा कराया जाय। कोर्ट ने कहा अभी तय नहीं पैसा लिया या नहीं, जमानत अर्जी पर पैसा जमा करने का आदेश नहीं दिया जा सकता।

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