दादी की तरह किसी भी क्षेत्रवासी की दवा के अभाव में नहीं होगी मौत- डॉ दिव्यांशु
मेेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। समाज सेवा करने की अगर चाहत है तो कोई भी मेजा के एक ऐसे लाल से सीख ले सकता है जिनकी बचपन से ही वैज्ञानिक बनने की प्रबल इच्छा थी लेकिन शिक्षा के दौरान अकस्मात उनके बीमार दादी के निधन ने उनके कलेजे को झकझोर दिया। जो डॉक्टर बनकर लोगों की मदद करना चाहते हैं। जी हां हम बात करते हैं मेजा के उसी लाल की जो वैज्ञानिक तो बनना चाहते थे लेकिन समय की मांग ने उन्हें डॉक्टर बना दिया। मेजा तहसील क्षेत्र के अरई मदरामुकुंदपुर गांव निवासी बचपन से ही मेधावी डॉ दिव्यांशु पुत्र चंद्रमणि तिवारी की प्राथमिक शिक्षा उनके पैतृक गांव अरई मदरामुकुंदपुर के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई। आगे की पढ़ाई के लिए प्रयागराज के स्वामी विवेकानंद विद्याश्रम से दसवीं 90ः अंकों के साथ तथा 12वीं 93ः अंकों के साथ उत्तीर्ण किया। उसके बाद अच्छे नंबर से नीट की परीक्षा उत्तीर्ण किया और एमबीबीएस के लिए केजीएमयू में दाखिला लिया। दिव्यांशु के पिता चंद्रमणि तिवारी कानपुर में पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं। डॉ दिव्यांशु के बड़े भाई अधिवक्ता अमित तिवारी बताते है बचपन में दिव्यांशु वैज्ञानिक बनना चाहते थे, परन्तु कक्षा दसवीं में पढ़ाई के दौरान अचानक दादी की बीमारी और इलाज के लिए गांव से प्रयागराज ले जाते समय 60 किलोमीटर की दूरी होने के कारण आकस्मिक मौत ने उन्हें झकझोर दिया, तभी उन्होंने दृढ़ संकल्प कर लिया कि आगे उन्हें डॉक्टर बनना है और मेजा, कोराव सहित आसपास के रहने वाले लोगों को इमरजेंसी के दौरान दवाइयों की सुविधा उपलब्ध कराना है, क्योंकि किसी भी आकस्मिक बीमारी होने पर मेजा व कोरांव की जनता प्रयागराज इलाज के लिए जाते हैं। जबकि दूरी ज्यादा और समय बहुत कम रहता है। जिससे ज्यादातर रोगी रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।
पिता व बड़े भाई को देते हैं सफलता का श्रेय
दो भाइयों में छोटे डॉ दिव्यांशु इस सफलता का श्रेय अपने पिताजी चंद्रमणि तिवारी को देते है, जो पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के पद पर कानपुर में कार्यरत हैं। बताया कि पिताजी के कानपुर मैं ड्यूटी के दौरान बड़े भाई अधिवक्ता अमित तिवारी जी का सहयोग भी काम नहीं रहा जिन्होंने मेरे हौसले की अफजाई करते हुए मुझे पढ़ाई के लिए अधिक समय देने की बात कहते हुए प्रेरित करते रहे। उन्होंने बताया कि वह जल्द ही पीजी की पढ़ाई करके मेजा कोराव सहित आसपास के लोगों की सेवा में तत्पर रहेंगे।