एएनआई, पणजी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत पर सवार होकर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने पाकिस्तान को भारतीय नौसेना की ताकत की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि नौसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कार्रवाई की होती तो पाकिस्तान को 1971 से भी बदतर परिणाम भुगतना पड़ता। पाकिस्तान चार टुकड़ों में विभाजित हो सकता था। राजनाथ ने कहा, 1971 इसका गवाह है कि जब भारतीय नौसेना ने कार्रवाई की तो पाकिस्तान एक से दो टुकड़ों में बंट गया। अगर नौसेना ऑपरेशन सिंदूर के दौरान फॉर्म में आई होती तो पाकिस्तान न केवल दो हिस्सों में बंट जाता, बल्कि मुझे लगता है कि वह चार हिस्सों में बंट जाता।
राजनाथ ने आईएनएस विक्रांत का दौरा किया
रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को अरब सागर में तैनात आईएनएस विक्रांत का दौरा किया, जहां उन्होंने परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। राजनाथ ने कहा कि अगर इस बार पाकिस्तान ने कोई नापाक हरकत की, तो हो सकता है कि इस बार ओपनिंग नेवी करे। उन्होंने ऑपरेशन के दौरान खतरों को बेअसर करने में नौसेना की भूमिका की प्रशंसा की। राजनाथ ने पाकिस्तानी युद्धपोतों को रोकने में भारतीय नौसेना की मौन लेकिन प्रभावी भूमिका की सराहना की।
कहा कि इसकी आक्रामक तैनाती, समुद्री प्रभुत्व और उच्च स्तर की तैयारी ने पाकिस्तान को समुद्र में भारतीय हितों को चुनौती देने से रोका तथा उसके युद्धपोतों को उसके अपने तटों तक ही सीमित रखा। पीटीआई के अनुसार, रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को यह समझने की जरूरत है कि आजादी के बाद से वह भारत के खिलाफ आतंकवाद का जो खतरनाक खेल खेल रहा है, वह खत्म हो चुका है।
राजनाथ ने कहा, आप सभी से कहना चाहता हूं कि आप अपनी तैयारियों में कोई कमी न रखें। अब तक जो हुआ, वह तो वॉर्म अप था। अगर पाकिस्तान से फिर से कोई जुर्रत की, तो इस बार नेवी भी हरकत में आएगी, और फिर भगवान ही जानता है कि पाकिस्तान का क्या होगा। आईएनएस विक्रांत पर नौसैनिकों के साथ बातचीत में राजनाथ ने कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए उन तरीकों का इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करेगा, जिनके बारे में पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का सीधा हमला है। कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हर वह तरीका अपनाएंगे, जिसके बारे में पाकिस्तान सोच सकता है। लेकिन हम उन तरीकों का इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं करेंगे, जिनके बारे में पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता। अपनी धरती पर आतंकवाद की नर्सरी को उखाड़ फेंकना पाकिस्तान के हित में होगा।
नौसेना किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने आईएनएस विक्रांत की यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया और उन्हें आश्वासन दिया कि भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री का स्वागत करते हुए एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज आप उन नौसेना अधिकारियों के बीच मौजूद हैं, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की योजनाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। आपका नेतृत्व हमेशा भारतीय नौसेना के लिए शक्तिवर्धक रहा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। ऑपरेशन सिंदूर ने हमारी तत्परता, धीरज और संकल्प का परीक्षण किया। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे नौसैनिकों ने साहस, समन्वय और अदम्य संकल्प के साथ चुनौती का सामना किया और उसे पार किया।