प्रयागराज (राजेश सिंह)। जिले के 16 लेखपालों को निलंबित करने के मामले में लेखपालों के आंदोलन के तीसरे ही दिन प्रशासन ने उनसे लेखपाल संघ से वार्ता के बाद रविवार को निलंबन आदेश वापस ले लिया। लेखपालों से समझौते में अहम भूमिका सीआरओ ने निभाई।
जन सुनवाई में लापरवाही बरतने के आरोप में डीएम के निर्देश पर मुख्य राजस्व अधिकारी कुंवर पंकज ने पांच जून को जिले के 16 लेखपालों को निलंबित कर दिया था। निलंबन के विरोध में शुक्रवार से लेखपालों ने आंदोलन शुरू कर दिया और स्पष्ट तौर पर कहा कि वह अतिरिक्त कार्य नहीं करेंगे। तीन दिन में ही प्रशासनिक अधिकारियों की सांस फूलने लगी। रविवार को लेखपालों को डीएम ने बुलवाया। जहां लेखपालों ने उन्हें कराया कि जिले में 846 पद सृजित हैं। जिसके सापेक्ष 268 लेखपाल अपने मूल क्षेत्र के अतिरिक्त 578 क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।
अतिरिक्त क्षेत्र में कार्य करने के कारण तय सीमा में आईजीआरएस का निस्तारण नहीं हो पाता है, जो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। उनकी बातों को सुनने के बाद डीएम ने कहा कि आम जनमानस से समस्या का निस्तारण करने में लेखपाल की विशेष भूमिका रहती है। नई भर्ती न होने तक इस दायित्व को निभाना व जन मानस की समस्याओं का निस्तारण किया जाना आवश्यक ही नहीं कर्तव्य भी है। डीएम ने निलंबन समाप्त करने पर अपनी सहमति प्रदान करते हुए कहा कि जिले की रैंकिंग सुधारना लेखपालों की जिम्मेदारी हैं।
उधर लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष राजकुमार सागर ने बताया कि मुख्य राजस्व अधिकारी ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए लेखपाल संघ को डीएम से वार्ता के लिए बुलाया। डीएम ने निलंबन वापस करने का भरोसा दिया, जिसके बाद आंदोलन समाप्त कर दिया गया हैं। इस मौके पर जिला मंत्री अवनीश पाण्डेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश यादव, कोषाध्यक्ष राजकुमार पाण्डेय, प्रतीक पाण्डेय, योगेंद्र सिंह, कुलदीप यादव, अजय तिवारी अनूप त्रिपाठी मोहम्मद वारिस आदि मौजूद रहें।
लेखपाल संघ ने भरोसा दिया कि आईजीआरएस के निस्तारण में गुणवत्तापूर्वक निस्तारण करेंगें। डीएम के निर्देश पर उन्हें एक मौका देते हुए निलंबन की कार्रवाई वापस लेने का निर्देश सभी एसडीएम को दिया गया हैं। - कुंवर पंकज,मुख्य राजस्व अधिकारी।