नई दिल्ली। अमेरिका में भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूरने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक शानदार चुना गया नाम है। उन्होंने इसकी अहमियत भी समझाई। ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद पर अपने रुख को उजागर करने के लिए सरकार के बड़े कूटनीतिक प्रयासों के तहत प्रतिनिधिमंडल प्रमुख वैश्विक राजधानियों का दौरा कर रहा है। बुधवार (स्थानीय समय) को अमेरिका में नेशनल प्रेस क्लब में एक संवाद सत्र के दौरान थरूर ने कहा कि सिंदूर का रंग खून के रंग से बहुत अलग नहीं है। यहां तक कि उन्होंने हिंदी मुहावरा खून का बदला खून का इस्तेमाल किया और कहा कि यहां यह श्सिंदूर का बदला खूनश् था। इसका अर्थ है आतंकवादियों द्वारा सिंदूर के साथ किए गए व्यवहार के जवाब में खून।
जब उनसे पूछा गया कि भारत ने आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए श्ऑपरेशन सिंदूरश् नाम क्यों चुना? तो उन्होंने जवाब दिया, श्ऑपरेशन सिंदूर वास्तव में मुझे लगा कि यह चुना गया एक शानदार नाम है। सिंदूर, अगर कुछ अमेरिकी इसके बारे में नहीं जानते हैं, तो यह एक प्रतीक है, जो हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं के माथे पर लगाया जाता है। यह व्यापक रूप से प्रचलित है। कुछ गैर-हिंदू भी इसे करते हैं, लेकिन अधिक सजावटी उद्देश्यों के लिए, लेकिन गंभीरता से कहा जाए तो सिंदूर विवाह समारोह के समय लगाया जाता है। उसके बाद हर दिन विवाहित महिलाएं इसे लगाती हैं। इसलिए हम इन क्रूर आतंकवादियों के बारे में बहुत सचेत थे, जिन्होंने, पुरुषों को उनकी पत्नियों और बच्चों के सामने गोली मार दी, लेकिन महिलाओं को छोड़ दिया। जब एक पत्नी ने कहा कि मुझे भी मार दो, तो उसे कहा गया कि नहीं, तुम वापस जाओ और उन्हें बताओ कि हमने क्या किया है।
उन्होंने आगे कहा कि उस सिंदूर को वास्तव में 26 भारतीय महिलाओं के माथे से मिटा दिया गया था। 26 मैं हिंदू महिलाएं कहने वाला था, लेकिन उनमें से एक वास्तव में ईसाई थी, लेकिन बाकी सभी के माथे से सिंदूर इन आतंकवादी करतूतों के जरिए मिटा दिया गया। इसलिए हम सबसे पहले सिंदूर मिटाने की उस घटना का बदला लेना चाहते थे, लेकिन दूसरी बात यह कोई संयोग नहीं है कि सिंदूर का रंग चमकीला सिंदूरी लाल है, जो खून के रंग से बहुत अलग नहीं है। कई मायनों में एक हिंदी मुहावरा है कि श्खून का बदला खूनश्; यहां यह श्सिंदूर का बदला खूनश् होगा, यानी सिंदूर के साथ जो कुछ भी किया गया, उसके जवाब में खून।