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मंत्री नंदी ने दानवीर भामाशाह की जयंती पर आयोजित कार्यकम का दीप प्रज्ज्वलन कर किया शुभारम्भ

SV News

‘‘भय नहीं उत्साह चाहिए, देश को भामाशाह चाहिए’’: मंत्री

प्रयागराज (राजेश सिंह)। मंत्री, औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एन0आर0आई0 एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग उत्तर प्रदेश नन्द गोपाल गुप्ता नंदी के द्वारा शनिवार को जिला पंचायत सभागार में दानवीर भामाशाह जी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘‘व्यापारी कल्याण दिवस’’ पर जनपद में सर्वोच्च राजस्व कर देने वाले व्यापारियों को ‘‘भामाशाह सम्म्मान’’ एवं समाज में विेशेष योगदान देने वाले व्यापारियों को सम्मानित किए जाने हेतु आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलन कर शुभारम्भ किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दानवीर भामाशाह जी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम का जिला पंचायत सभागार में लाइव प्रसारण भी किया गया।
जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के द्वारा सर्वोच्च राजस्व देने वाले 05 व्यापारियों रवि पटेल-फाइनेंस कंट्रोलर मिनिस्ट्री आफ रेलवे, डी0एम0 सक्सेना-डिप्टी फाइनेंस मैनेजर प्रिज्म जानसन फाइनेंस लिमटेड, वंश गुलाटी-डायरेक्टर युनाइटेड ऑटो मोबाइल प्रा0लि0, अमित अग्रवाल-जी0पी0 मोटर्स एवं वीरेन्द्र प्रकाश-मैनेजर जे0के0 सीमेंट लिमिटेड को भामाशाह सम्मान एवं समाज में विेशेष योगदान देने वाले 10 व्यापारियों को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।
आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के द्वारा दानवीर भामाशाह जी की जयंती के उपलक्ष्य में जनपद के 232 विद्यालयों में आयोजित निबंध व पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया। निबंध एवं पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मंत्री के द्वारा जिला पंचायत परिसर में क्षेत्रीय अभिलेखागार (संस्कृति विभाग) के द्वारा दानवीर भामाशाह के जीवन यात्रा पर आधारित चित्र एवं अभिलेख प्रदर्शनी व उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सहायता समूहों द्वारा बनाये गये उत्पादों का अवलोकन भी किया गया।
जिला पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में सेंट एंथोनी गर्ल्स इण्टर कालेज की छात्राओं द्वारा दानवीर भामाशाह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित नाटक का मंचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी गयी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कला संकाय के छात्र-छात्राओं द्वारा लोकगायन प्रस्तुत किया गया। संस्कृति विभाग के वयोवृद्ध कलाकार ब्रम्हदीन यादव के द्वारा लोकगायन प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत माँ के सच्चे सपूत, परम देश भक्त, महादानी और हम सभी के प्रेरणास्रोत श्रद्धेय भामाशाह जी की पावन स्मृति पर उनको नमन करते है। परम दानवीर भामाशाह जी की जयन्ती को माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने व्यापारी कल्याण दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। कोई भी देश अथवा समाज दीर्घकालीन तभी हो सकता है, जब वह अपने अतीत और पुरखों का सम्मान करता है। भारत का इतिहास स्वर्णिम और गौरवशाली रहा है। हमारे पुरखों ने धर्म, संस्कृति, संस्कार और राष्ट्र की रक्षा को सदैव सर्वाेच्च महत्त्व दिया। ऐसे समय में जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था तब उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देने में भी संकोच नहीं किया। आज उन्ही बलिदानों की नींव पर एक सशक्त, समृद्ध और स्वतंत्र भारत खड़ा है। हमारे पूर्वजों का त्याग, बलिदान, पराक्रम और संघर्ष ही आज हमारे अस्तित्व का कारण है। जो लोग इतिहास के विद्यार्थी हैं वो जानते हैं कि मुगल कितने क्रूर और बेरहम शासक थे। मुगल शासक अकबर ने मेवाड़ नरेश परम प्रतापी महाराणा प्रताप के सामने अधीनता स्वीकार करने का प्रस्ताव रखा लेकिन उन्होंने मातृभूमि के स्वाभिमान के लिए इस प्रस्ताव को ठोकर मार दी। मुगलों के साथ संघर्ष के कारण महाराणा प्रताप को अपने राज्य का त्याग करना पड़ा। जंगलों में रहकर आर्थिक और सैन्य कठिनाइयों से जूझना पड़ा। मेवाड़ फिर से प्राप्त करने का सपना धूमिल होने लगा था। ऐसे समय में श्रध्येय भामाशाह ने महाराणा प्रताप की सहायता का संकल्प लिया। देशभक्ति से प्रेरित होकर और मुगलों के अत्याचारों से भयभीत हुए बिना उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति और जमा पूंजी महाराणा प्रताप को समर्पित कर दी। यह सहायता किसी संजीवनी या वरदान से बढ़कर थी। संकट के समय जब कोई मार्ग नहीं सूझ रहा था तब श्रद्धेय भामाशाह की दानवीरता ने सबकुछ पलट दिया।
इस आर्थिक सहायता ने नई सेना के गठन के साथ ही महाराणा प्रताप को एक नई ऊर्जा से भर दिया। उन्होंने मेवाड़ के अधिकांश हिस्सों को मुगलों से वापस छीन लिया। इतिहास में महाराणा प्रताप की वीरता, शौर्य और पराक्रम का उल्लेख भामाशाह की दानवीरता, देशभक्ति और निष्ठा की चर्चा के बिना अधूरा है। दोनों महापुरुषों का एक दूसरे के प्रति आदर भाव, मित्रता, विश्वसनीयता और समर्पण एक ऐतिहासिक मिसाल है। धन्य हैं हमारे पूर्वज और धन्य है उनका त्याग। उच्च आदर्श और जीवन मूल्यों की बहुमूल्य विरासत हमें अपने महापुरुषों से ही मिली है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री ने वरासत के साथ विकास का मन्त्र दिया है। क्योंकि विरासत को साथ लेकर किया गया विकास ही वास्तविक प्रगति है और वह स्थायी प्रगति है। जो पेड़ अपनी जड़ों को छोड़ देता है वह कभी हरा-भरा नहीं रह सकता। हम सभी भामाशाह जी को कृतज्ञ भाव से याद करें। उनके दिखाये प्रेरक पदचिन्हों पर चलकर राष्ट्र निर्माण में अपना सर्वश्रेठ योगदान सुनिश्चित करें। मंत्री ने उद्घोष रूप से कहा कि ‘‘भय नहीं उत्साह चाहिए, देश को भामाशाह चाहिए’’। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 प्रभाकर त्रिपाठी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मंत्री के द्वारा डॉ0 प्रभाकर त्रिपाठी को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर भाजपा महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता, राज्यकर विभाग के राजेश कुमार पाण्डेय-एडीशनल कमिशनर ग्रेड-1, दीनानाथ-एडीशनल कमिशनर ग्रेड-2, शमशेर जमदग्नि-एडीशनल कमिशनर ग्रेड-2, अक्षयलाल विश्वकर्मा-ज्वाइंट कमिशनर,अतुल पोरवार-ज्वाइंट कमिशनर, प्रबल कुमार-ज्वाइंट कमिशनर, नरेन्द्र कुमार-ज्वाइंट कमिशनर, संजय कुमार डिप्टी कमिशनर, दीपक मौर्य, गुलाम सरवर-पाण्डुलिपि अधिकारी, राकेश कुमार वर्मा, हरिशचन्द्र दुबे, विकास यादव, अजय मौर्या सहित संस्कृति विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, भारत स्काउट एण्ड गाइड सहित स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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