प्रयागराज (जितेंद्र शुक्ल)। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रयागराज में आयोजित समर कैंप के सातवें दिन वॉलंटरी इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिटी अप्लाइड साइंस (विकास) प्रयागराज के संदर्भ व्यक्तियों में ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के पर्यावरण विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.धर्मेंद्र कुमार संस्था श्विकास श् के निदेशक डॉ. एस. के. सिंह द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सहयोग से तैयार की गई पर्यावरण किट यूरेका के माध्यम से डी.एल.एड प्रशिक्षुओं ने पर्यावरण पर समझ एवं संरक्षण से संबंधित ज्ञान को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के आधार पर सीखा । इस अवसर पर पानी ,मिट्टी, जैव विविधता, पृथ्वी और वातावरण ,आकाश से संबंधित, सौरमंडल के बारे में व्याख्यान दिया गया। पानी के अंतर्गत ची मान का निर्धारण, पानी की कठोरता की नाप, , पानी में अवशेष क्लोरीन की जांच ,गांव में स्थित तालाब ,जलाशय का पानी कितना पारदर्शी है ,पानी में जीवाणु प्रदूषण के परीक्षण करने के तरीके बताए गए। मिट्टी को जानने के लिए विभिन्न तरीकों की जानकारी क्रमशः मिट्टी के रंग, मिट्टी की परतें मिट्टी की संरचना, मिट्टी के चभ् मान मिट्टी की सांद्रता, का ज्ञान प्रशिक्षुओं को दिया गया।इस अवसर पर जैव विविधता के अंतर्गत जलाशय, तालाब के तल पर पाए जाने वाले जीव जंतुओं को देखने तथा समझने के तरीकों की जानकारी प्रदान की गई ।इसी प्रकार पृथ्वी और वातावरण के बारे में बताते हुए बादलों के पहचान के तरीके , पेड़ों की ऊंचाई जमीन को नापने, हवा की तीव्रता और दिशा मापने के तरीके हरित गृह संकल्पना और निर्माण एवं उपयोग एक मैपिंग पर्यावरण मानचित्रण के बारे में इंटरएक्टिव व्याख्यान दिए गए। अवसर पर डायट प्राचार्य एवं उपशिक्षा निदेशक राजेंद्र प्रताप ने प्रशिक्षुओं से बताया कि प्रश्नोत्तरी एवं प्रदर्शन विधि के माध्यम से किसी विषय वस्तु पर प्रभावशाली ढंग से जानकारी प्राप्त किया जा सकता है। सर ने अपने सामने प्रशिक्षुओं के ज्ञान का मूल्यांकन भी किया तथा भाषा समर कैंप पर चल रहे आयोजनों के बारे में क्या सीखा? के माध्यम से प्रशिक्षुओं से जानकारी भी प्राप्त की । अंत में संस्कृत भाषा का ज्ञान प्रशिक्षुओं को देकर कार्यक्रम का समापन किया गया।इस अवसर पर डायट प्रवक्ता राजेश पांडे ,अंबालिका मिश्रा वीरभद्र प्रताप, प्रसून सिंह अध्यापिका पूनम चौधरी मौजूद रहे।