लखनऊ (राजेश सिंह)। उत्तर प्रदेश को देश में सबसे बेहतर मॉडल राज्य बनाने के लिए योगी सरकार ने रोडमैप तैयार किया है। वर्ष 2026 से 2031 तक इसे साकार करने का लक्ष्य है।
इस अवधि में 1.20 लाख करोड़ रुपये से शहरों का कायाकल्प किया जाएगा। उनको आधुनिक, स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल बनाया जाएगा। इसमें एकीकृत सड़क नेटवर्क बनाने के साथ पर्यावरण संरक्षण पर जोर होगा। वहीं, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विशेष तौर पर काम किए जाएंगे।
हाल ही में केंद्रीय वित्त आयोग के समक्ष योगी सरकार ने प्रदेश में 2026 से 2031 तक किये जाने वाले विकास कार्यों का रोडमैप प्रस्तुत किया था। इसमें शहरी क्षेत्रों में एकीकृत सड़क नेटवर्क विकसित करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
इसके सहारे शहरी व उप-शहरी क्षेत्रों को आपस में जोड़कर आर्थिक गतिविधियों को नई गति दी जाएगी। शहरी बाढ़ को रोकने और जल प्रबंधन के लिए 27,500 करोड़ रुपये स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना पर खर्च होंगे।
सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन परियोजना के लिए 15 हजार करोड़ रुपये और संचालन व रखरखाव के लिए 5,387 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है। पेयजल आपूर्ति को 9,900 करोड़ रुपये और रखरखाव के लिए 8,286 करोड़ की योजनाओं पर काम किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण के लिए 1,265 करोड़ रुपये शहरी हरियाली और बागवानी परियोजनाओं पर खर्च होंगे, वहीं 990 करोड़ रुपये से इलेक्ट्रिक श्मशान घाट योजनाओं पर काम होगा।
इसके अलावा, 17 नगर निगमों और तीन एनसीआर शहरों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए 3,120 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। सरकार, सामाजिक और तकनीकी नवाचारों पर भी फोकस करेगी।
इसके तहत डिजिटल लाइब्रेरी के लिए 1,490 करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्मार्ट पालिका परियोजना में 1,400 करोड़ रुपये और सुरक्षित शहर परियोजनाओं के लिए 350 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है।
वरिष्ठ नागरिक देखभाल योजना में 850 करोड़ रुपये, पशु कल्याण योजना में 525 करोड़ रुपये लगाए जाएंगे। 1,450 करोड़ रुपये से सभागार व एक हजार करोड़ रुपये से ओपन जिम का निर्माण होगा। वहीं 5,935 करोड़ रुपये शहरी गतिशीलता परियोजनाओं पर व्यय किए जाएंगे।