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राहुल के ‘एटम बम’ को चुनाव आयोग ने कर दिया डिफ्यूज...क्या फंस गए कांग्रेस के युवराज?

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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक और महाराष्ट्र में चुनाव में धांधली का गंभीर आरोप चुनाव आयोग पर फिर से लगाया है। मतदाता सूची विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरुद्ध लामबंद विपक्ष के दृष्टिकोण में यह कथित श्एटम बमश् हो सकता है। नैरेटिव की लड़ाई तो लंबी चलेगी लेकिन राहुल के तीखे आरोपों के जवाब में चुनाव आयोग ने जो पक्ष रखा है वह भी फांस से कम नहीं है।

राहुल ने कर्नाटक में मतदाता सूची में गड़बड़ी, एक ही मतदाता के नाम बार-बार आने, गलत पता जैसे कई आरोप लगाए हैं। यानी एक तरह से राहुल ने बिहार में चल रहे एसआईआर की जरूरत मान ली। बिहार के ड्राफ्ट मतदाता सूची में लगभग 65 लाख ऐसे लोगों को बाहर किया गया है जो या मृत हो चुके हैं या अपने पते पर हैं ही नहीं।

आयोग ने पूछा- अब तक शिकायत क्यों नहीं की

इसके अलावा आयोग ने यह भी पूछा है कि जनवरी में 2025 में कर्नाटक की जो सूची हर दल को सौंप दी गई थी उस पर अब तक एक भी शिकायत क्यों नहीं की गई। कर्नाटक चुनाव अधिकारी ने राहुल को पत्र लिखकर कहा है कि प्रतिनिधित्व कानून की धारा 20(3) के अनुसार शपथपत्र देकर शिकायत करें ताकि फिर से पूरी जांच हो सके। पहले ईवीएम में गड़बड़ी और मतदाता सूची पुनरीक्षण की आड़ में वोट चोरी का आरोप।

बीते कुछ वर्षों से इसी तरह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चुनाव आयोग के कामकाज और पारदर्शिता पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इस पर आयोग विपक्ष आरोप लगाता है कि आयोग की ओर से जवाब या अपेक्षित जानकारी नहीं दी जा रही, जबकि आयोग दावा करता रहा है कि कई बार सूचना देने के बावजूद राहुल गांधी लिखित रूप से अपना पक्ष या शिकायत रखने के लिए नहीं आए हैं।

राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए आरोप

बीते कुछ दिन से राहुल गांधी के अगले कदम की सभी को प्रतीक्षा थी, क्योंकि उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में दावा किया था कि वह सुबूत के साथ श्एटम बमश् फोड़ेंगे। गुरुवार को राहुल ने प्रेसवार्ता कर आरोप लगाए कि चुनाव आयोग ने कर्नाटक और महाराष्ट्र में पांच तरीकों से वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां कर वोटों की चोरी की। कर्नाटक चुनाव अधिकारी ने शुक्रवार को कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को राज्य निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को दोपहर एक से तीन बजे के बीच मुलाकात का समय दिया है।

इसके साथ ही दावा किया कि मतदाता सूची पूरी पारदर्शिता के साथ तैयार की जाती है। आयोग ने बताया कि कर्नाटक में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर)- 2025 की मतदाता सूची का प्रारूप नवंबर 2024 में कांग्रेस को उपलब्ध करा दिया गया था। इसके बाद अंतिम मतदाता सूची जनवरी 2025 में उपलब्ध करा दी थी। मगर, अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद से अब तक न तो गड़बड़ियों के संबंध में प्रथम अपील संबंधित जिलाधिकारी के समक्ष की गई और न ही राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील की गई है।

आयोग ने शपथ पत्र मांगा

यही हाल बिहार में चल रहे एसआईआर का है। एक अगस्त को दिए गए ड्राफ्ट मतदाता सूची के खिलाफ किसी भी राजनीतिक दल की ओर से एक भी शिकायत अब तक नहीं आई है। आयोग ने कहा है कि यदि राहुल गांधी के पास तथ्य हैं तो वह शपथ पत्र में मतदाता सूची में गड़बड़ियों का ब्योरा लिखकर दे दें, आयोग उसकी जांच कराएगा।

किसी भी अन्य शपथपत्र की तरह इसमें कहा गया है कि उन्हें गड़बड़ियों को व्यक्तिगत जानकारी है और वह जानते हैं कि गलतबयानी के भारतीय न्याय संहिता की धारा 227 के तहत दंडात्मक है। आयोग ने शपथ पत्र का प्रारूप भी राहुल गांधी को भेज दिया है। हालांकि कांग्रेस की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि उनकी ओर से कोई शपथपत्र नहीं दिया जाएगा।

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