नई दिल्ली। महिला वनडे वर्ल्ड कप शुरू होने में अब दो महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में एक प्रमुख मेजबान शहर के रूप में बेंगलुरु की भूमिका पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) को अभी तक राज्य सरकार से वनडे मैचों के आयोजन के लिए औपचारिक मंजूरी नहीं मिली है, जिससे टूर्नामेंट के पहले मैच और सेमीफाइनल समेत चार हाई-प्रोफाइल मैच खतरे में पड़ गए हैं।
वहीं, इससे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की चिंताएं बढ़ गई हैं। पहला मैच 30 सितंबर को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में होना है, जहां भारत को सह-मेजबान श्रीलंका के साथ मुकाबला खेलना है।
5 जून को हुई थी भगदड़
बता दें कि 5 जून को रॉयल चौलेंजर्स बेंगलुरु की विक्ट्री परेड के दौरान हुई भगदड़ के बाद भीड़ प्रबंधन को लेकर बढ़ी संवेदनशीलता के कारण मंजूरी मिलने में देरी हो रही है। यह घटना अभी भी कानूनी जांच के दायरे में है और राज्य के अधिकारियों ने अभी तक शहर में बड़े पैमाने पर क्रिकेट आयोजनों को हरी झंडी नहीं दी है।
केएससीए ने राज्य सरकार से अनुमति मांगी
क्रिकबज के अनुसार, केएससीए के एक अधिकारी ने कहा, हमने राज्य सरकार को पत्र लिखा है और जवाब का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि उन्होंने अनुमति देने से इनकार कर दिया है। अगर यही नीति होती, तो वे मैसूर में महाराजा कप की अनुमति नहीं देते। इसलिए, हम इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए अभी कुछ और समय है और हम कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं।
गौरतलब हो कि वर्ल्ड कप के पहले मैच सहित चार अन्य मैच एम चिन्नास्वामी स्टेडियम पर खेले जाएंगे। इनमें 3 अक्टूबर को इंग्लैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका, 26 अक्टूबर को भारत बनाम बांग्लादेश, तथा 30 अक्टूबर को दूसरा सेमीफाइनल और संभावित फाइनल 2 नवंबर को यहां आयोजित है। अगर पाकिस्तान फाइनल के लिए क्वालीफाई करता है तो फाइनल कोलंबो में होगा।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
