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मांडा, प्रयागराज (शशिभूषण द्विवेदी)। हनुमान जी द्वारा भगवान् श्रीराम व लक्ष्मण की महाराज बालि के भय से भयभीत सुग्रीव से मित्रता कराये जाने के बाद जब पेड़ के पीछे से भगवान् श्री राम ने बालि पर बाण से प्रहार किया, तो बालि के प्रश्नों से कुछ देर के लिए भगवान् श्री राम भी निरुत्तर हो गये।
पिछले 106 साल से चल रहे मांडा क्षेत्र के बामपुर गाँव का रामलीला क्षेत्र में चर्चित रहता है। गांव के पढ़े लिखे व नौकरी पेशा लोग निशुल्क रामलीला में अभिनय करते हैं। रावण के रुप में ज्ञानेश्वर उपाध्याय, विभीषण ओम प्रकाश जायसवाल, बालि के रुप में ननकू तिवारी, सुग्रीव रिषू तिवारी, हनुमान रामू तिवारी, राम उज्ज्वल तिवारी, लक्ष्मण आरव तिवारी, सीता के रुप में आयुष तिवारी का मंचन काफी सराहनीय रहा। रामलीला कमेटी के प्रबंधक शासकीय अधिवक्ता जयकांत तिवारी, अध्यक्ष प्रेम सागर तिवारी, मंत्री अशोक नाथ पांडेय, कोषाध्यक्ष हरि कुंवर तिवारी आदि के देखरेख में आयोजित इस रामलीला में भक्तों की काफी भीड़ होती है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
