नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम के तहत महासंघों को मान्यता देने या निलंबित करने और उनके वित्तीय आचरण की निगरानी करने का सर्वाेच्च अधिकार रखने वाले बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय खेल बोर्ड (एनएसबी) का गठन दिसंबर के अंत तक कर दिया जाएगा।
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने अगले साल जनवरी के अंत तक इस अधिनियम को पूरी तरह से लागू करने का वादा किया है और एनएसबी का गठन उस प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होगा।
तीन महीने में होगा गठन
खेल मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार राष्ट्रीय खेल बोर्ड का गठन अगले तीन महीनों में किया जाएगा और इसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए नियम बनाने का काम भी चल रहा है।
हालांकि, उन्होंने विवरण का खुलासा नहीं किया। इसमें राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को संबद्धता देने के मानदंड भी शामिल हैं। एनएसबी में एक अध्यक्ष और कुछ सदस्य होंगे।
केंद्र सरकार करेगा नियुक्ति
इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक प्रशासन, खेल प्रशासन, खेल कानून और अन्य संबंधित क्षेत्रों में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले, सक्षम, ईमानदार और प्रतिष्ठित व्यक्तियों में सेश् की जाएगी।
पिछले 25 वर्षों से चली आ रही पारंपरिक रूपरेखा को बदलते हुए, इसका उद्देश्य 15 से 29 वर्ष की आयुवर्ग वाले युवाओं को एक ऐसा राष्ट्रीय मंच देना था जहाँ वे अपने विचार और सपनों को सीधे प्रधानमंत्री जी के सामने रख सकें और विकसित भारत के निर्माण में भागीदार बन सकें।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वतंत्रता दिवस पर यह संकल्प लिया कि राजनीति में बिना राजनीतिक पृष्ठभूमि के 1 लाख युवाओं को जोड़ा जाए। इसी प्रेरणा से नेशनल यूथ फेस्टिवल को नई सोच और नए रूप में पेश किया गया और इसका नाम विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग (टठल्स्क्) रखा गया था, जिसका पहला संस्करण वर्ष 2025 में आयोजित हुआ था। पिछले 25 वर्षों से चली आ रही पारंपरिक रूपरेखा को बदलते हुए, इसका उद्देश्य 15 से 29 वर्ष की आयुवर्ग वाले युवाओं को एक ऐसा राष्ट्रीय मंच देना था जहाँ वे अपने विचार और सपनों को सीधे प्रधानमंत्री जी के सामने रख सकें और विकसित भारत के निर्माण में भागीदार बन सकें।
पहले ही साल में इस कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया। विकसित भारत चौलेंज के ज़रिए देशभर के लगभग 30 लाख युवा भागीदारी हुए । इसमें से 2 लाख से अधिक युवाओं ने निबंध लिखे और 9,000 युवाओं ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपनी सोच और दृष्टि को प्रस्तुत किया। यह सफर दिल्ली के भारत मंडपम में आकर पूरा हुआ, जहाँ देशभर से आए 3,000 युवा बतौर चेंजमेकर्स शामिल हुए। इनमें 1,500 युवा विकसित भारत चौलेंज ट्रैक से, 1,000 युवा कल्चर ट्रैक से और 500 पाथब्रेकर्स (युवा आइकॉन और अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वाले) थे।
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गरिमामय उपस्थिति रही थी। उन्होंने पूरे छह घंटे युवाओं के साथ संवाद किया, उनके विचार सुने और उन्हें देश के भविष्य की जिम्मेदारी उठाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में कई दिग्गज हस्तियों ने भी युवाओं का उत्साह बढ़ाया, जिनमें नीति आयोग के अमिताभ कांत, इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ, उद्योग जगत के नेता आनंद महिंद्रा और रितेश अग्रवाल, पूर्व क्रिकेटर जोंटी रोड्स और वरिष्ठ पत्रकार पलकी शर्मा उपाध्याय शामिल थे। इन सभी ने अपने विचार और अनुभव साझा किए और युवाओं को विकसित भारत की राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
पहले संस्करण की बड़ी सफलता के बाद अब विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग का दूसरा संस्करण शुरू किया जा रहा है। इस बार पहले से अधिक युवाओं को इस अभिनव प्रयोग से जोड़ना, नए ट्रैक शुरू करना, ज़्यादा राज्यों और इलाकों तक पहुँचना एवं अन्य बड़े लक्ष्य तय करना, हमारा उद्देश्य है। इसकी घोषणा 13 सितंबर 2025 को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में हुई। यहाँ युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जी ने मंत्रालय की सचिव और संयुक्त सचिव के साथ प्रेस को संबोधित किया।
अपने संबोधन में डॉ. मनसुख मांडविया जी ने कहा कि वीबीवाइएलडी ऐसा अनोखा मंच है, जहाँ भारत के युवा न केवल अपने विचार साझा कर सकते हैं बल्कि सीधे प्रधानमंत्री जी के सामने रख सकते हैं। यह सचमुच युवा आधारित लोकतंत्र का उदाहरण है, जहाँ विजन को आवाज़ और आवाज़ को असर में बदलने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि टठल्स्क् युवाओं की ताकत और क्षमता को सही दिशा देने वाला मंच है, जो आने वाले भारत का ब्लूप्रिंट तैयार करता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आज के युवा केवल भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान के राष्ट्रनिर्माता हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि टठल्स्क् सिर्फ़ एक दिन का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक लगातार चलने वाला मंच है जो देशभर के युवाओं को जोड़ता है और उनकी नेतृत्व क्षमता को निखारता है। इसके ज़रिए नवाचार बढ़ता है, समाज मजबूत होता है और आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होता है।
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की सचिव श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने 2026 की प्रक्रिया और ढाँचा को मीडियाकर्मियों को समझाया। उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों की यात्रा ऑनलाइन क्विज़ और निबंध प्रतियोगिता से शुरू होगी, फिर राज्य स्तर की प्रस्तुतियों तक जाएगी और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में पूरी होगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार टठल्स्क् 2026 में नए ट्रैक जोड़े जा रहे हैं, और पूरे साल के कई चरणों के बाद इसका शिखर आयोजन जनवरी 2026 में राष्ट्रीय युवा उत्सव के दौरान होगा।
वीबीवाइएलडी 2026 पहले वाले सभी मुख्य विषयों और ट्रैक्स को बनाए रखेगा, लेकिन इसके साथ ही कुछ नए बदलाव और पहली बार अंतरराष्ट्रीय भागीदारी भी जोड़ी जाएगी। मुख्य जोड़ इस प्रकार है।
यह एक राष्ट्रीय डिज़ाइन चौलेंज होगा, जिसमें कई चरण होंगे। यह विकसित भारत/2047 के विज़न से जुड़ा होगा।
यह एक हैकाथॉन होगा, जिसमें अलग-अलग चरणों में तकनीक पर आधारित समाधान और प्रोटोटाइप बनाए जाएंगे और इसका विषय विकसित भारत/2047 पर आधारित होगा।
अंतरराष्ट्रीय भागीदारी-पहली बार इसमें विदेशों से भी युवा जुड़ेंगे। इसमें विदेश मंत्रालय की पहल नाव इंडिया प्रोग्राम के 80 युवा, बिम्सटेक देशों के 20 प्रतिनिधि शामिल होंगे। राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं चुने हुए नोडल संस्थानों में होंगी। राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से तीन-तीन सदस्य की टीमें भाग लेंगी।
हैकाथॉन और डिज़ाइन चौलेंज के लिए कुल 100 प्रतिभागी राष्ट्रीय फाइनल तक पहुँचेंगे और अपने इनोवेशन दिखाएँगे।
