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टोक्यो वर्ल्ड चौंपियनशिप में देश की उम्मीदों का भार उठाएंगे नीरज चोपड़ा

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नई दिल्ली। शनिवार से शुरू हुई विश्व एथलेटिक्स चौंपियनशिप में नीरज चोपड़ा भारत के लिए पदक की इकलौती उम्मीद होंगे, वह देश की उम्मीदों पर खरा उतरने के साथ लगातार दो स्वर्ण पदक जीत कर विश्व चौंपियनशिप के इतिहास में ऐसा कारनामा करने वाले केवल तीसरे पुरुष भाला फेंक खिलाड़ी बनने की कोशिश करेंगे।

भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा शनिवार से शुरू हो रही विश्व एथलेटिक्स चौंपियनशिप में भारत के लिए पदक की इकलौती उम्मीद होंगे, वह देश की उम्मीदों पर खरा उतरने के साथ लगातार दो स्वर्ण पदक जीत कर विश्व चौंपियनशिप के इतिहास में ऐसा कारनामा करने वाले केवल तीसरे पुरुष भाला फेंक खिलाड़ी बनने की कोशिश करेंगे। 

नीरज चोपड़ा ने 2023 में बुडापेस्ट में आयोजित सत्र में 88.17 मीटर की दूरी के साथ स्वर्ण पदक जीता था जबकि पाकिस्तान के ओलंपिक चौंपियन अरशद नदीम (87.82 मीटर) ने रजत और चेक गणराज्य के याकूब वाडलेज (86.67 मीटर) ने कांस्य पदक जीता था। चोपड़ा अगर 18 सितंबर को फाइनल में फिर से स्वर्ण जीतते हैं, तो वह लगातार दो विश्व चौंपियनशिप में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले सिर्फ तीसरे खिलाड़ी बनेंगे।

यह उपलब्धि अब तक चेक गणराज्य के महान खिलाड़ी यान जेलेजनी (1993 और 1995) और ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स (2019 और 2022) ने हासिल की है। जेलेजनी मौजूदा समय में चोपड़ा के कोच है। चोपड़ा 19 सदस्यीय भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे हैं और एकमात्र पदक उम्मीदवार हैं। वह एक साल से भी ज्यादा समय बाद अरशद नदीम का सामना करेंगे। दोनों खिलाड़ियों की पिछली टक्कर 2024 पेरिस ओलंपिक में हुई थी, जहां चोपड़ा ने दूसरा स्थान हासिल किया था।

नीरज चोपड़ा के पास ऐसे में पेरिस ओलंपिक का हिसाब चुकता करने का भी मौका होगा। इस 27 साल के भारतीय खिलाड़ी के लिए स्वर्ण जीतना आसान नहीं होगा। उनके सामने अरशद नदीम के अलावा हाल में डायमंड लीग चौंपियन बने जूलियन वेबर (जर्मनी) की भी कड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा एंडरसन पीटर्स, कीनिया के 2015 विश्व चौंपियन जूलियस येगो, 2012 ओलंपिक चौंपियन केशोर्न वॉलकॉट (त्रिनिदाद और टोबैगो), अनुभवी वाडलेज, और ब्राजील के लुइज डा सिल्वा भी चुनौती पेश करेगें।

डा सिल्वा पिछले महीने 91 मीटर की थ्रो के साथ 90 मीटर का आंकड़ा पार किया। यह मुकाबला तोक्यो के उसी मैदान में होगा, जहां उन्होंने 2021 में ओलंपिक स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा था। पुरुष भाला फेंक की क्वालीफाइंग राउंड 17 सितंबर को आयोजित होगी। इन खिलाड़ियों में वेबर की लय सबसे अच्छी है और वह खिताब के सबसे बड़े दावेदार होंगे। इस 31 वर्षीय खिलाड़ी ने इस सत्र में तीन बार 90 मीटर से अधिक की दूरी हासिल की है। वह 91.51 मीटर के साथ मौजूदा सत्र में शीर्ष पर है।

उन्होंने पिछले महीने डायमंड लीग ट्रॉफी जीतकर आत्मविश्वास भी हासिल किया है। चोपड़ा ने इस साल की शुरुआत में दोहा डायमंड लीग में भी पहली बार 90 मीटर का आंकड़ा पार किया था, लेकिन पूरे साल में उनका प्रदर्शन औसत ही रहा है। दो प्रतियोगिताओं में वह 85 मीटर का आंकड़ा पार नहीं कर सके जबकि दो में इससे सिर्फ थोड़ा ही ऊपर गए। एक प्रतियोगिता में उन्होंने 86 मीटर से अधिक की थ्रो किया था। इस साल उनका दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.16 मीटर रहा।

इस सत्र में वेबर के खिलाफ आमने-सामने मुकाबले में चोपड़ा 1-3 से पीछे हैं। दोनो के बीच पिछला मुकाबला अगस्त में डायमंड लीग फाइनल में हुआ था, जहां चोपड़ा केवल 85.01 मीटर फेंक सके और दूसरे स्थान पर रहे। चोपड़ा के साथ सचिन यादव, यशवीर सिंह और रोहित यादव भी इस स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में भारत के चार खिलाड़ी हैं जो किसी भी अन्य देश से सबसे अधिक है।

गत चौंपियन होने के नाते नीरज चोपड़ा को वाइल्ड कार्ड मिला है जबकि बाकी तीन एथलीटों ने विश्व रैंकिंग के आधार पर क्वालीफाई किया है। इससे पहले 2023 में बुडापेस्ट में हुई प्रतियोगिता में तीन भारतीय एथलीट फाइनल में पहुंचे थे। चोपड़ा ने स्वर्ण जीता था जबकि किशोर जेना और डीपी मनु क्रमशः पांचवें और छठे स्थान पर रहे थे।

पुरुषों के भाला फेंक एथलीटों के अलावा, अन्नु रानी (महिला भाला फेंक), पारुल चौधरी (महिला 3000 मीटर स्टीपलचेज), मुरली श्रीशंकर (पुरुष लंबी कूद), गुलबीर सिंह (पुरुष 5000 मीटर) और प्रवीण चित्रावेल (पुरुष त्रिकूद) भी फाइनल चरण तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। इसमें सबसे ज्यादा अनुभवी 33 साल की अन्नु रानी पांचवीं बार विश्व चौंपियनशिप में भाग ले रही है। उन्होंने इससे पहले 2017, 2019, 2022 और 2023 में भी इसमें हिस्सा लिया था। वह 2019 और 2022 में फाइनल चरण तक पहुंची थीं, जबकि बाकी दो बार क्वालिफिकेशन राउंड में ही बाहर हो गई थीं।

2024 में औसत प्रदर्शन के बा, वह इस साल अच्छी लय में हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ 62.59 मीटर रहा है। वह 2022 में हासिल किए गए अपने सर्वश्रेष्ठ सातवें स्थान को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगी। चोट से लंबे समय के बाद वापसी कर रहे श्रीशंकर ने अंतिम समय में विश्व चौंपियनशिप में जगह बनाई है। उन्होंने वापसी के बाद जिन पांच स्पर्धाओं में हिस्सा लिया है, उन सभी में जीत हासिल की है। उन्हें हालांकि पदक जीतने के लिए अपने 8.05 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर करना होगा।

राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक फर्राटा धावक अनिमेश कुजूर किसी विश्व चौंपियनशिप में पुरुषों की 200 मीटर दौड़ में हिस्सा लेने वाले पहले भारतीय होंगे, लेकिन वह कितना आगे बढ़ते हैं, यह देखना बाकी है। राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक तेजस शिरसे के साथ भी पुरुषों की 110 मीटर बाधा दौड़ में यही स्थिति होगी। भारतीय दल का अभियान शनिवार को पुरुषों और महिलाओं की 35 किमी पैदल चाल स्पर्धाओं के साथ शुरू होगा। राम बाबू और संदीप कुमार पुरुषों की 35 किमी पैदल चाल में हिस्सा लेंगे, जबकि प्रियंका गोस्वामी महिलाओं की इस स्पर्धा में भाग लेंगी। शाम के सत्र में, पूजा 1500 मीटर रेस की अपनी हीट में दौड़ेगी।

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