प्रयागराज (राजेश सिंह)। विकसित यूपी 2047 : समृद्धि का शताब्दी पर्व के तहत रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने प्रदेश भर के पंचायत जनप्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। प्रयागराज का नंबर आने पर मुख्यमंत्री ने सीधे जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. बीके सिंह से सवाल किया कि पंचायत की आय के स्रोत क्या हैं और आत्मनिर्भर बनने के लिए क्या प्लानिंग तैयार की गई है।
डॉ. बीके सिंह ने बताया कि वर्तमान में जिला पंचायत को लाइसेंस, टैक्स और खनन से लगभग 6 करोड़ रुपये की आय होती है, जबकि शासन से 60 करोड़ रुपये का ग्रांट प्राप्त होता है। आय बढ़ाने के लिए मऊआइमा में चार बीघा जमीन पर मैरिज हॉल बनाने की योजना है। साथ ही पंचायत के अधीन संचालित पांच इंटर कॉलेजों में दुकानें बनाने, दो अन्य स्थानों पर 5 हजार और 8 हजार वर्गमीटर भूमि पर व्यावसायिक निर्माण कराने और टैक्स बढ़ाकर आय बढ़ाने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है।
वीसी के दौरान जिला पंचायत सभागार में 52 सदस्य मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले प्रयागराज में जिला पंचायत सदस्यों की संख्या पूछी और फिर विस्तार से योजना जानी। डॉ. सिंह ने शालीनता से पूरी कार्ययोजना रखी और कहा कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में जिला पंचायत गंभीर है। इस दौरान अपर मुख्य अधिकारी आरती मिश्रा, जिला पंचायत सदस्य अभिषेक यादव, कुलदीप त्रिपाठी, अशोक, रामअधार बिंद, बबीता बिंद, जंग बहादुर मौर्य, आशीष भाटिया सहित सभी सदस्य उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत से प्रशासनिक अफसरों की कार्यप्रणाली, विकास कार्य, कौशल विकास और जनप्रतिनिधियों की भूमिका समेत 12 बिंदुओं पर फीडबैक एक सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री कार्यालय को फार्म भरकर भेजने के निर्देश दिए। साथ ही सरकार के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी मांगे।
वीसी में जिले के 23 ब्लॉक प्रमुख और करीब दो हजार क्षेत्र पंचायत सदस्य भी जुड़े रहे। हालांकि प्रयागराज के किसी ब्लॉक प्रमुख से मुख्यमंत्री की सीधी बातचीत नहीं हो सकी। जबकि अन्य जिलों के कई ब्लॉक प्रमुखों से उन्होंने चर्चा की। उधर एनआईसी सभागार में मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह, जिला विकास अधिकारी गोपाल कुशवाहा सहित सभी संबंधित अधिकारी विकास योजनाओं का ब्यौरा लेकर मौजूद रहे।
