नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की सेना के साथ दीवाली मनाने की अपनी परंपरा जारी रखी है। उन्होंने इस साल भी रोशनी का त्योहार सोमवार को गोवा और कारवार (कर्नाटक) के तटों पर प्छै विक्रांत पर नेवी के जवानों के साथ मनाया। सियाचिन के माइनस तापमान से लेकर जैसलमेर के रेगिस्तान तक सबसे मुश्किल इलाकों में तैनात सैनिकों से प्रधानमंत्री का मिलना, एकता की मिसाल बन गया है। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ सालों में सेना के साथ कहां-कहां दीवाली मनाई और क्या-क्या मैसेज शेयर किए, यहां जानते हैं-
पीएम मोदी ने 31 अक्टूबर, 2024 को गुजरात के कच्छ के सर क्रीक इलाके में लक्की नाला में भारत-पाक बॉर्डर के पास बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ), आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के जवानों के साथ दीवाली मनाई। उन्होंने क्रीक इलाके में एक बॉर्डर आउटपोस्ट का दौरा किया और सिक्योरिटी जवानों को मिठाई बांटी।
उन्होंने स्ट्रेटेजिक कच्छ कोस्टलाइन को सुरक्षित करने में नेवी की भूमिका पर जोर दिया, जो भारत के खिलाफ बड़े खतरों का सामना कर रही है। सर क्रीक को भारत की एकता की निशानी बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पहले भी दुश्मन के उकसावे का केंद्र रहा है। पीएम मोदी ने नेवी समेत आर्म्ड फोर्स की मौजूदगी और सतर्कता पर ध्यान दिया और 1971 के युद्ध के दौरान दुश्मन को दिए गए करारा जवाब को याद किया।
उन्होंने न सिर्फ भारतीयों बल्कि विदेशी नागरिकों को निकालने के मिशन में भारतीय सेना की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने संघर्ष प्रभावित सूडान से सफल निकासी और तुर्की में भूकंप के बाद बचाव मिशन को याद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अक्टूबर, 2022 को कारगिल में सेना के साथ त्योहार मनाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान के खिलाफ हर युद्ध में कारगिल ने हमेशा जीत में तिरंगा फहराया है।
पीएम मोदी ने कारगिल युद्ध को करीब से देखने को याद करते हुए कहा कि इसने उन पर गहरी छाप छोड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने 4 नवंबर, 2021 को जम्मू और कश्मीर के नौशेरा जिले में सेना के साथ दीवाली मनाई। उन्होंने कहा कि नौशेरा का इतिहास भारत की बहादुरी का प्रतीक है और इसका वर्तमान इसके सैनिकों की हिम्मत और पक्के इरादे को दिखाता है। उन्होंने कहा कि यह इलाका हमेशा हमलावरों और कब्जा करने वालों के खिलाफ़ मजबूती से खड़ा रहा है।
प्रधानमंत्री ने नौशेरा के हीरो ब्रिगेडियर उस्मान और नायक जदुनाथ सिंह को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लेफ्टिनेंट आरआर राणे और दूसरे बहादुरों को भी सलाम किया जिन्होंने बहादुरी और देशभक्ति की अनोखी मिसालें पेश कीं। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक में उनकी भूमिका के लिए तैनात ब्रिगेड की भी तारीफ की और उस राहत को याद किया जो उन्हें तब मिली थी जब सभी बहादुर सैनिक मिशन से सुरक्षित लौट आए थे।
14 नवंबर, 2020 को प्रधानमंत्री ने राजस्थान के जैसलमेर के लोंगेवाला में सैनिकों के साथ दीवाली मनाई और उनके बलिदान को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लोंगेवाला की लड़ाई को याद किया और कहा कि यह लड़ाई स्ट्रेटेजिक प्लानिंग और मिलिट्री बहादुरी के इतिहास में याद की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस दौरान, पाकिस्तान का बदसूरत चेहरा सामने आया क्योंकि उसकी सेना बांग्लादेश के मासूम नागरिकों को डरा रही थी और ज़ुल्म कर रही थी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी बॉर्डर पर पाकिस्तान की बाद की मिलिट्री कार्रवाई दुनिया का ध्यान भटकाने की एक नाकाम कोशिश थी, क्योंकि हमारी सेनाओं ने इसका कड़ा जवाब दिया।
पीएम मोदी ने 27 अक्टूबर, 2019 को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एलओसी पर भारतीय सेना के जवानों के साथ दीवाली मनाई। प्रधानमंत्री ने राजौरी में श्हॉल ऑफ फेमश् का दौरा किया और राजौरी और पुंछ सेक्टर की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले बहादुर सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने हॉल ऑफ फेम को ष्पराक्रम भूमि, प्रेरणा भूमि, पावन भूमिष् बताया। बाद में वह इंडियन एयर फोर्स के एयर वॉरियर्स से मिलने के लिए पठानकोट एयरबेस भी गए। 2018 में पीएम मोदी ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सेना और आईटीबीपी के जवानों के बीच दीवाली मनाई थी। इस मौके पर उन्होंने मिठाई खिलाकर जवानों का हौसला बढ़ाया था। 2017 में पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में बीएसएफ और सेना के जवानों के साथ दीवाली मनाई थी। तब भी पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया था। यहां पर पीएम मोदी ने सीधे-सीधे पाक को चेता दिया था कि अगर आंतकवाद के पालोगे तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा।
2016 में पीएम मोदी हिमाचल प्रदेश के आर्मी और डोगरा स्काउट्स के जवानों के बीच पहुंचे थे। यहां पर पीएम और जवान के बीच मुलाकात की खूब चर्चा हुई थी। यहां पीएम जवानों से दोस्त की तरह मिले। जवानों को हौसला बढ़ाया और फोटो भी खिंचवाई। 2015 में पीएम मोदी ने पंजाब में भारतीय सेना के जवानों के बीच दीवाली मनाई थी। तब उन्होंने 1965 युद्ध के वॉर मेमोरियल जाकर पाकिस्तान को संदेश दिया था। पीएम मोदी हर बार अलग-अलग जगहों पर तैनात भारतीय जवानों के साथ दिवाली मनाते हैं।
सेना के जवानों के साथ दीवाली मनाने की शुरुआत 2014 में ही हो गई थी जब पीएम मोदी सियाचिन पहुंच गए। पीएम मोदी ने सरकार बनने के बाद सबसे पहली दिवाली सियाचिन में मनाई। सियाचिन में सबसे कठिन परिस्थितियों में भारतीय जवान सीमा की रक्षा करते हैं। सियाचिन में पारा -40 डिग्री तक पहुंच जाता है।



