कार्रवाई के दौरान छावनी बना गांव, बिलखे लोग
प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के फूलपुर क्षेत्र के बसनेहटा गांव में चारागाह की भूमि पर बनें पक्के मकान, खपरैल और छप्पर समेत कुल 11 घरों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। उच्च न्यायालय के निर्देश पर एसडीएम हंडिया द्वारा की गई इस कार्रवाई से परिजन व महिलाओं में चीख-पुकार मची रही। उनका कहना है कि आशियाना ध्वस्त हो जाने के बाद उनका परिवार खुले आसमान के नीचे आ गया है। 
फूलपुर कोतवाली क्षेत्र का बसनेहटा गांव हंडिया तहसील क्षेत्र में है। यहां चारागाह की भूमि पर गांव के ही आधा दर्जन से अधिक लोग पक्का मकान खपरैल और छप्पर रखकर अपना जीवन यापन पिछले कई दशक से कर रहे हैं। गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा चारागाह की भूमि पर बनें अवैध निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री, एसडीएम, जिलाधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय के निर्देश पर एसडीएम हंडिया ने मंगलवार को मकान के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। तहसीलदार रवि सिंह के नेतृत्व में पहुंचे नायब तहसीलदार राहुल सिंह, राजस्व निरीक्षक ईश्वर चंद, राजेंद्र सोनकर, लेखपाल अशर्फीलाल व महेंद्र सरोज की राजस्व टीम ने बसनेहटा गांव निवासी शोभनाथ के 3 पक्के मकान, जंग बहादुर का एक खपरैल, टीन सेड व छप्पर समेत कुल 5 कमरे तथा राजकुमार का छप्पर और राजबहादुर के खपरैल और छप्पर समेत कुल 11 घरों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। इस दौरान मकान बनाकर रह रहे परिवार की महिलाओं और बच्चों में पूरे दिन चीख-पुकार मची रही। उनका कहना था कि अब उनके बच्चों और परिवार के सदस्यों को खुले आसमान के नीचे रहना पड़ेगा। बुलडोजर की कार्रवाई और महिलाओं की एक पुकार सुनकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जमा रही।
क्षेत्र के बसनेहटा गांव में चारागाह की भूमि से हटाए जा रहे अवैध निर्माण की कार्रवाई के लिए राजस्व टीम के साथ ही डेढ़ प्लाटून, फूलपुर, उतरांव, हंडिया, बहरिया व सराय ममरेज समेत कुल पांच थानों की फोर्स और दमकल गाड़ी जब गांव में बुलडोजर के साथ पहुंची तो खलबली मच गई। बसनेहटा गांव मानो छावनी में तब्दील हो गया हो। मंगलवार दोपहर में एक के बाद एक कर कुल 11 घरों पर बुलडोजर चला और घरों को ध्वस्त कर दिया। अपनी आंखों के सामने गाड़ी कमाई से तैयार किए गए मकानों को गिरते देख महिलाएं और बच्चे बिलख रहे थे। इसे देखने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ पूरे समय तक जमा रही।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
