प्रयागराज (राजेश सिंह)। अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन का 40वां संस्करण धावकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए आयोजित किया जा रहा है। इस बार 50 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके धावकों के लिए मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है।
आधार कार्ड से होगी उम्र की पुष्टि, पहली बार व्यवस्था
देशभर से आने वाले उम्रदराज धावकों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) द्वारा जारी फिटनेस सर्टिफिकेट बिब नंबर लेते समय जमा करना होगा। उम्र की पुष्टि आधार कार्ड से की जाएगी। यह नियम पहली बार लागू हो रहा है, जो मैराथन को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
उम्रदराज धावक बिना सर्टिफिकेट नहीं हो सकेंगे शामिल
उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन ने इसी साल धावकों की न्यूनतम उम्र सीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी थी, और अब 50 वर्ष से ऊपर के लिए यह स्वास्थ्य संबंधी बंधन जोड़ा गया है। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी प्रेम कुमार ने बताया कि बिना सर्टिफिकेट के 50 वर्ष से अधिक उम्र के धावकों को दौड़ में शामिल नहीं किया जाएगा। स्टेडियम में बिब नंबर लेते समय प्रमाण पत्र आधार कार्ड के साथ दिखाना अनिवार्य होगा।
वेबसाइट पर सभी जानकारी उपलब्ध
एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया और यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन से संबद्ध इस मैराथन की आधिकारिक वेबसाइट पर सभी जानकारी उपलब्ध है। धावक यहां से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं और मैराथन से जुड़ी हर डिटेल प्राप्त कर सकते हैं।
आनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
आनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इच्छुक धावक इंदिरा मैराथन की आधिकारिक ईमेल आईडी पदकपतंउंतंजीवदचतंलंहतंर/हउंपस.बवउ पर अपना आवेदन भेज सकते हैं। आवेदन में धावक को घोषणा करनी होगी कि उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है, वे शारीरिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ हैं और दौड़ने के लिए अपनी सहमति दे रहे हैं।
42.195 किमी की होगी इंदिरा मैराथन
मैराथन की दूरी पुरुष और महिला दोनों वर्गों के लिए 42.195 किलोमीटर रहेगी। पुरस्कार वितरण में प्रथम स्थान पर दो लाख रुपये, द्वितीय पर एक लाख रुपये और तृतीय पर 75 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा 11 धावकों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में दस-दस हजार रुपये मिलेंगे। निर्धारित पुरस्कार श्रेणी में आने पर ही धावक पुरस्कृत होंगे, अधिक उम्र होने पर कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दिया जाएगा। हर साल इस मैराथन में 50-80 ऐसे धावक भाग लेते हैं, जिनकी उम्र 50-60 वर्ष से अधिक होती है। इस बार स्वास्थ्य नियमों से उम्रदराज धावकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
