प्रयागराज (राजेश सिंह)। जिलाधिकारी ने परियोजना में आने वाले किसी भी व्यवधान के समाधान के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को किया निर्देशित, कार्य को गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण कराये जाने के दिए निर्देश
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बुधवार को प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ऋषिराज के साथ निर्माणाधीन इनर रिंग रोड के प्रथम चरण के पैकेज-2 एवं पैकेज-3 के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए कार्य की प्रगति का जायजा लिया तथा सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिलाधिकारी के द्वारा रिंग रोड के सहसों में एनएच-2 जंक्शन से गंगा नदी पर बन रहे 6 लेन ब्रिज तक का निरीक्षण किया गया। उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर (टेक्निकल) से कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी लिए जाने पर बताया गया कि यह हिस्सा प्रयागराज इनर रिंगरोड के प्रथम चरण में पैकेज-3 के अन्तर्गत आता है, जिसकी लम्बाई कुल 14.980 कि0मी0 है और यह ग्राम नबाबा उर्फ नीबीकलां उपरहार से प्रारम्भ होकर ग्राम खुदायपुर उर्फ कसगांव में समाप्त होता है। इस कार्य की निर्धारित अवधि एक वर्ष तीन माह थी, किन्तु महाकुम्भ-2025 के आयोजन की वजह से निर्माण कार्य प्रभावित हुआ, जिससे समयावधि में परिवर्तन करते हुए उसकी अवधि 31 अक्टूबर, 2025 तक बढ़ा दी गयी थी। इस परियोजना में संरचनात्मक भाग छः-लेन का तथा सड़क का भाग चारलेन का है। वर्तमान में इस परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा संचालन हेतु आवश्यक प्रक्रियाएँ प्रगति पर हैं। इस परियोजना में विभिन्न प्रकार की संरचनाएँ, पहुँच मार्ग तथा मुख्य रूप से सहसों बाईपास पर इण्टरचेंज का निर्माण कार्य किया गया है, जिसपर जिलाधिकारी ने अवशेष रह गये शेष कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिए है।
तत्पश्चात जिलाधिकारी ने प्रयागराज इनर रिंग रोड के प्रथम चरण के पैकेज-2 के के अन्तर्गत गंगा जी पर निर्माणाधीन 6 लेन ब्रिज का निरीक्षण किया तथा प्रोजेक्ट मैनेजर से कार्य की प्रगति की जानकारी ली, जिस पर बताया गया कि इस पैकेज में रिंग रोड का कुल 7.660 कि0मी0 हिस्सा है, जो कि ग्राम महुआरी से शुरू होकर ग्राम नबाबा उर्फ नीबीकलां उपरहार में समाप्त होती है। इस परियोजना में गंगा नदी पर 3.1 कि0मी0 लम्बाई के 6 लेन ( 3$3 लेन) ब्रिज पुल का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें नींव का कार्य लगभग समाप्त हो चुका है तथा अग्रसर संरचनात्मक भागों का कार्य प्रगति पर है। साथ ही इस परियोजना में उ0प्र0रा0औ0वि0प्रा0 के अधीन सरस्वती हाईटेक सिटी के परिसर से होते हुए एलीवेटेड कॉरिडोर के सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य किया जा रहा है, इसकी कुल लम्बाई 2.38 कि0मी0, जिसमें 1.1 कि0मी0 संरचना एवं 1.28 कि0मी0 पहुँच मार्ग है।
जिलाधिकारी ने परियोजना के निर्माण कार्य में रेलवे, इण्डियन वॉटरवेज अथॉरिटी, एन0एम0सी0जी0 एवं अन्य विभागों के सम्बन्धित अधिकारियों को परियोजना में आने वाले किसी भी व्यवधान के समाधान के लिए निर्देशित किया गया और कार्य को गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण कराये जाने के लिए कहा है।
जिलाधिकारी ने गंगा नदी पर प्रस्तावित सलोरी हेतापट्टी एवं झूंसी को जोड़ने वाले 4 लेन सेतु के निर्माण तथा गंगा नदी पर ही दारागंज झूंसी मार्ग को जोड़ने हेतु 4 लेन सेतु के निर्माण के दृष्टिगत झूंसी स्थित हेतापट्टी एवं ओल्ड जीटी मार्ग तथा दारागंज क्षेत्र का किया स्थलीय निरीक्षण, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बुधवार को गंगा नदी पर प्रस्तावित सलोरी हेतापट्टी एवं झूंसी को जोड़ने वाले 4 लेन सेतु के निर्माण तथा गंगा नदी पर ही दारागंज झूंसी मार्ग को जोड़ने हेतु 4 लेन सेतु के निर्माण के दृष्टिगत बुधवार को झूंसी स्थित हेतापट्टी एवं ओल्ड जीटी मार्ग पर लाला मनमोहन दास इण्टर कालेज के पास एवं दारागंज क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया तथा सेतु निगम के अधिकारियों से प्रोजेक्ट मैप के माध्यम से पुलों के एलाइनमेंट को समझा एवं प्रोजेक्ट से जुड़ी अन्य जानकारियां लेते हुए सभी सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्य परियोजना प्रबंधक अनिरूद्ध यादव के द्वारा बताया गया कि प्रस्तावित दारागंज से झूंसी को जोड़ने वाले फोर लेन ब्रिज की कुल लम्बाई 3660 मी0 है और इसमें फोर लेन सेतु के निर्माण के साथ पहुंच मार्ग, अतिरिक्त पहुंच मार्ग एवं सुरक्षात्मक कार्य किया जाना है। उन्होंने बताया कि सलोरी हेतापट्टी के ब्रिज में सेतु के दोनो तरफ पहुंच मार्ग एवं अतिरिक्त पहुंच मार्ग का निर्माण होना है। बताया कि सेतु के निर्माण से प्रयागराज सीधे हेतापट्टी की ओर मार्ग एस0एच0-19 (प्रयागराज-वाराणसी मार्ग) से जुड़ जायेगा, जिससे प्रयागराज नगर से यातायात सीधे उक्त मार्ग से हाते हुये जनपद भदोही, वाराणसी एवं बिहार राज्य को जाने वाला यातायात एवं जनपद जौनपुर एवं आजमगढ़, गोरखपुर आने एवं जाने वाले यात्रियों की यात्रा सुगम हो जायेगी। कुम्भ मेला के समय आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा स्नान हेतु सुगम मार्ग उपलब्ध हो जायेगा। जिलाधिकारी ने परियोजना प्रबन्धक को निर्देशित किया कि प्रस्तावित सेतु की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति शीघ्र प्राप्त कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करते हुए कृतकार्यवाही से उन्हें अवगत कराये जाने के लिए कहा है।
