बच्चे बोले वंदेमातरम, लोकसभा में चर्चा के बाद पीएम मोदी का धन्यवाद
प्रयागराज (राजेश सिंह)। राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रयागराज में अल्पसंख्यक समाज ने सामूहिक गायन किया। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वंदे मातरम के ऐतिहासिक महत्व पर चर्चा कराए जाने के बाद समाज ने खुशी व्यक्त की और इसे देश की एकता से जोड़ा।
शहर के सुभाष चौक पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने एकत्र होकर हाथों में तिरंगा और राष्ट्रीय ध्वज लेकर राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम का सामूहिक गायन किया। इस आयोजन के जरिए देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता और आपसी सौहार्द का स्पष्ट संदेश दिया गया। यह कार्यक्रम सामाजिक कार्यकर्ता राहिल हसन और सरदार पदविंदर सिंह के नेतृत्व में आयोजित किया गया। प्रतिभागियों ने पोस्टर और बैनर के माध्यम से यह संदेश दिया कि भारतीय होने के नाते वंदे मातरम कहने में किसी भी प्रकार का संकोच नहीं होना चाहिए।
वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि वंदे मातरम का संबंध किसी विशेष धर्म से नहीं है, बल्कि यह देश की आजादी और संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने याद दिलाया कि कई स्वतंत्रता सेनानियों ने इस गीत को गुनगुनाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। अल्पसंख्यक समाज के सदस्यों ने कहा कि वंदे मातरम स्वतंत्रता आंदोलन की आत्मा रहा है और इसी गीत ने देशवासियों में आजादी की अलख जगाई। उन्होंने जोर दिया कि हर भारतीय को गर्व से वंदे मातरम कहना चाहिए। उनका मानना था कि इस राष्ट्रीय गीत का विरोध करने वाले देश की भावना को ठेस पहुंचाते हैं।
वंदे मातरम के डेढ़ सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसमें जगह-जगह सामूहिक गायन शामिल है।
