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वो 8 पल जब भारतीय क्रिकेट टीम के साथ रोया देश, रह-रहकर दर्द देते हैं पुराने जख्म

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट फैंस का दिल दुनिया का सबसे भावुक दिल है। जब टीम जीतती है, तो पूरा देश दीवाना हो जाता है, लेकिन जब हार होती है- वो भी ऐसी हार जो सपनों को चूर-चूर कर दे- तो वो दर्द सालों तक नहीं जाता। दिलों में एक नासूर बनके चुभता रहता है।

कुछ मैच ऐसे होते हैं जो सिर्फ हार नहीं, एक गहरा जख्म बन जाते हैं और उनके घाव समय-समय पर फैंस को दर्द देते रहते हैं। आज हम बात करेंगे भारतीय क्रिकेट के कुछ काले दिनों की, जिन्हें कोई भी भारतीय फैंस याद नहीं रखना चाहता है, लेकिन ये यादों के मकड़ जाल में कहीं उलझ गई हैं और जब ये याद आती हैं तो आंखें नम हो जाती हैं।

19 नवंबर 2023- अहमदाबाद का वो खामोश स्टेडियम

विश्व कप 2023 का फाइनल। 10 मैच लगातार जीतकर भारत फाइनल में पहुंचा था। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 1 लाख से ज्यादा लोग श्भारत-भारतश् चिल्ला रहे थे। लगा था कि इस बार सचमुच श्कप हमाराश् है, लेकिन ट्रेविस हेड ने 120 गेंद में 137 रन ठोंक भारत के सपनों को चकना चूर कर दिया।

वो शाम जब रोहित-कोहली-राहुल सब जल्दी आउट हो गए और स्टेडियम में सन्नाटा छा गया। तब से वो सन्नाटा आज भी कानों में गूंजता है। शायद यह सबसे ताजा और सबसे गहरा घाव है, जो रह-रह कर चुभता है।

10 जुलाई 2019- एमएस धोनी का वो रन-आउट

वर्ल्ड कप 2019 सेमीफाइनल, भारत बनाम न्यूजीलैंड। 49वें ओवर में भारत को जीत के लिए 12 गेंदों पर 30 रन चाहिए थे और महेंद्र सिंह धोनी क्रीज पर थे। 49वें ओवर की पहली गेंद पर धोनी ने लॉकी फर्ग्युसन को सिक्स जड़ा। दूसरी गेंद डॉट रही और तीसरी धोनी ने एक रन लेने की कोशिश की। डीप फाइन लेग से गुप्टिल का थ्रो आया, धोनी ने डाइव लगाई३और गेंद सीधे स्टंप्स में।

उस एक पल में लगा कि जैसे पूरा क्रिकेट जगत रुक गया। धोनी का वो चेहरा, आंखों में आंसू और निराश चेहरा३ वो रन आउट की तस्वीर आज भी फैंस के जहन में छपी हुई है। उस दिन के बाद धोनी ने कभी भारत के लिए नहीं खेला। भारत वो सेमीफाइनल मैच तीन रन से हार गया था।

24 अक्टूबर 2021- वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से पहली हार

टी20 वर्ल्ड कप 2021 का सुपर-12 मुकाबला। भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड कप में 29 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। पाकिस्तान ने भारत को पहली बार वर्ल्ड कप के किसी भी फॉर्मेट में हराया। बाबर आजम (68’) और मोहम्मद रिजवान (79’) की नाबाद शतकीय साझेदारी ने 152 रनों के लक्ष्य को 10 विकेट से, 13 गेंद शेष रहते हासिल कर लिया।

यह हार भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए सदमे की तरह थी। क्योंकि इससे पहले दोनों देशों के बीच विश्व कप में 1992 से 2019 तक सभी 12 मुकाबले (7 वनडे $ 5 टी20) भारत ने जीते थे। इस जीत ने पाकिस्तान को टूर्नामेंट में शानदार शुरुआत दी और क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया।

18 जून 2017 चौंपियंस ट्रॉफी फाइनल- पाकिस्तान से हारा भारत

लंदन के द ओवल में 18 जून 2017 को खेला गया, आईसीसी चौंपियंस ट्रॉफी का फाइनल क्रिकेट इतिहास के सबसे एकतरफा और चौंकाने वाले फाइनलों में से एक बन गया। पाकिस्तान ने 338/4 का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में भारतीय टीम महज 158 रनों पर सिमट गई और 180 रनों के अंतर से करारी हार झेली।

पाकिस्तान ने इस जीत के साथ न सिर्फ चिर प्रतिद्वंद्वी भारत से फाइनल में बदला लिया, बल्कि सरफराज अहमद की कप्तानी में अपना पहला चौंपियंस ट्रॉफी खिताब भी जीत लिया। यह दिन पाकिस्तानी क्रिकेट के लिए स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया। वहीं, भारतीय फैंस के लिए न भूलने वाला पल बन गया।

31 मार्च 2016- ईडन गार्डन्स, टी20 विश्व कप सेमीफाइनल

2015 के वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार का गम अभी कम नहीं था कि एक और जख्म मिल गया। टी20 वर्ल्ड कप का दूसरा सेमीफाइनल, वेस्टइंडीज बनाम भारत। भारत ने 192/2 बनाए। वेस्टइंडीज ने 2 गेंद शेष रहते 7 विकेट से मात दी। लेंडल सिमंस ने नाबाद 82 रन की पारी खेली। फैंस के लिए वो हार बर्दाश्त से बाहर थी। क्योंकि यह घर में खेलते हुए आई थी।

मार्च 2007- वर्ल्ड कप के ग्रुप स्टेज से बाह

बांग्लादेश ने पोर्ट ऑफ स्पेन में भारत को 191 पर रोक दिया और लक्ष्य पीछा करते हुए 5 विकेट से हरा दिया। राहुल द्रविड़ की कप्तानी, सचिन-धोनी-सहवाग सब थे, फिर भी हार। इसके बाद श्रीलंका से भी हार और भारत ग्रुप स्टेज से बाहर। देश में टीवी तोड़े गए, खिलाड़ियों के घरों पर पत्थर फेंके गए। ग्रेग चौपल का कोचिंग करियर भी लगभग यहीं खत्म हो गया।

23 मार्च 2003- जोहान्सबर्ग का फाइनल

सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने वर्ल्ड कप 2003 में शानदार क्रिकेट खेला था। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने 359 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। कप्तान रिकी पोंटिंग ने शतकीय पारी खेली।

भारत 147 पर 4 विकेट और फिर 359 के जवाब में 234 पर ढेर। सचिन की 4 रन की पारी, सहवाग का शतक से चूकना... और 125 रन से करारी शिकस्त...वो दिन भारतीय क्रिकेट का श्क्या होता अगरश् वाला दिन बन गया।

कोलकाता का ईडन गार्डन्स मैदान और भारत बनाम श्रीलंका। श्रीलंका ने 251/8 बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 120 के स्कोर पर 8 विकेट गंवा दिए। भारत को हारता देख गुस्साए दर्शकों ने मैदान पर बोतलें फेंकीं और कुर्सियों में आग लगा दी, जिससे मैच रुक गया। रेफरी क्लाइव लॉयड ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया। यह दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास का एक काला दिन बन गया। इस मैच को विनोद कांबली के रोते हुए मैदान से बाहर जाने और उपद्रव के लिए याद रखा जाता है।

ये कुछ भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सबसे दर्दनाक दिन हैं। इनमें से हर हार ने हमें कुछ सिखाया- कभी धैर्य, कभी खेल भावना, कभी दर्शक व्यवहार। यही हारें हमें याद भी दिलाती हैं कि क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, हमारी भावनाओं का सबसे बड़ा हिस्सा है।

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