नैनी, प्रयागराज (आदर्श शुक्ला)। पर्यावरण निदेशालय उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित जिला योजना 2021-22 के अंतर्गत पर्यावरणीय शिक्षा, प्रशिक्षण जन जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रयागराज एवं रामा सृजन जन कल्याण संस्थान प्रयागराज के संयुक्त तत्वाधान में कॉलेज आफ फॉरेस्ट्री (शुआटस) एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय नैनी प्रयागराज में एक संगोष्ठी कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि के रुप में कॉलेज के डीन डॉ एजे राज ने अपने संबोधन में पर्यावरण को बचाने के लिए सभी छात्र-छात्राओं से आहवान किया, कि हमें प्राकृतिक संसाधनों को बचाना होगा और साथ ही इसे प्रदूषण और अन्य खतरनाक क्रियाकलापों से इसे दूर रखना होगा। हमें प्लास्टिक का प्रयोग रोककर हमारे प्राकृतिक संसाधनों को अपनाना होगा। प्लास्टिक बैग का प्रयोग न करके जूट और कपड़े के झोले को साथ में लेकर चलने की आदत डालनी होगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रयागराज से रामजस ने सभी का स्वागत करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यों को विस्तार से बताया और आहवान किया कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए। कार्यक्रम में डॉ हर्ष बोध पालीवाल ने पर्यावरण प्रदूषण पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रकृति ने हम सभी को अपने अनुसार बहुत कुछ दिया है, परंतु हम अपने स्वार्थ परकता में अत्यधिक दोहन एवं उसके प्रति चिंता ना करना ही पर्यावरण को बर्बाद कर रहा है। आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने पेड़ पौधे नदी तालाब जल स्रोतों एवं अन्य जीवन से जुड़ी चीजों को सहेज कर रखें।
डॉ हेमंत कुमार ने बढ़ते हुए औद्योगिक करण और घटते हुए संसाधन और बढ़ती जनसंख्या को इसके लिए जिम्मेदार बताया। डॉ नीलम खरे ने अपने संबोधन में कृषि वानिकी को आज की जरूरत बताते हुए कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और हमें अपनी खेती में कपास, पटसन, जूट, बास, बेत आदि चीजों को शामिल करना चाहिए, जिससे मुनाफा भी हो और पर्यावरण की रक्षा भी हो।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक एवं रामा सृजन जन कल्याण संस्थान के सचिव ओम प्रकाश मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन गुड़िया सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर सत्येंद्र नाथ खरे, राहुल सिंह, सौरव कुमार मिश्र, डॉ अभिषेक जेम्स, डॉक्टर समीर, डॉक्टर अफाकवानी ने भी अपनी सहभागिता की।