प्रयागराज (राजेश सिंह). राहुल जिन बच्चों पर प्यार दुलार लुटाता था, फिर उन्हें मार कैसे सकता है अपने ही हाथों से। यह सवाल न केवल करीबियों बल्कि ग्रामीणों की जुबान पर भी था। लोग पुलिस की थ्योरी पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि एक शख्स अपनी तीन बेटियों और पत्नी को कैसे मौत के घाट उतार सकता है। एडीजी प्रेम प्रकाश का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि राहुल ने परिवार के सदस्यों का कत्ल किया फिर उसने आत्महत्या की। पुलिस को जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि आंगन के जाली में जिस कपड़े का फंदा बनाया गया था, उसमें खून लगा था। राहुल के शरीर पर भी खून के छींटे थे और दोनों पैर में काफी खून लगा था। परिस्थितियां भी इसी ओर इशारा कर रही है, क्योंकि आंगन में रखी चारपाई के ऊपर कुर्सी के ऊपर कुर्सी रखकर उसकी ऊचाई को बढ़ाया गया था। हालांकि मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज होने से गुत्थी उलझी हुई है। नामजद आरोपितों के मोबाइल की लोकेशन कौशांबी में ही पाई गई है। पूछताछ में उन्होंने घटना में शामिल होने की बात स्वीकार नहीं की है। ऐसा पुलिस का कहना है। फिलहाल घटना को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों ने प्रीती व तीनों बच्चियों का विसरा सुरक्षित किया है। दरअसल आशंका जताई जा रही है कि चारों को कुछ नशीला पदार्थ तो नहीं खिलाया गया था, जिसकी वजह से चोट लगने पर चीख नहीं सके थे। इसकी जांच के लिए विसरा को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। हालांकि गले की चोट से पता चला है कि सभी पर धारदार हथियार से वार किया गया था। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का विश्लेषण पुलिस कर रही है। पोस्टमार्टम हाउस पर जब एक साथ पांच शवों की अर्थी उठी तो लोगों को कलेजा कांप गया। वहां मौजूद लोगों के चेहरे पर गम व गुस्सा नजर आया। काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। पीड़ित परिवार ने पहले कौशांबी में शवों को ले जाने की बात कही। फिर वाराणसी में अंतिम संस्कार करने का प्रस्ताव पुलिस के सामने रख गया। मगर रात करीब 10 बजे गमजदा स्वजनों ने शिवकुटी थाना क्षेत्र स्थित रसूलाबाद घाट पर अंत्येष्टि के लिए तैयार हो गए। इस पर पुलिस अधिकारियों ने उनकी मदद करते हुए ढांढस बंधाते रहे।