Prime Minister Narendra Modi has said that when the power of India increases, the power of the world increases. In the role of Pharmacy of the World, India has supported the whole world in difficult times, has sent medicines to many countries.
डेनमार्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित कहा कि भारत की ताकत जब बढ़ती है, तो दुनिया की ताकत बढ़ती है. फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड की भूमिका में भारत ने मुश्किल समय में पूरी दुनिया का साथ दिया है, अनेकों देशों को दवाइयां भेजी हैं. उन्होंने कहा कि भारत के पास स्केल और स्पीड के साथ-साथ शेयर एंड केयर के वैल्यूज भी हैं. इसलिए ग्लोबल चैलेंजेज से निपटने के लिए भारत की क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश करना पूरी दुनिया के हित में है.
*स्टार्टअप का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम हिंदुस्तान*
मंगलवार को डेनमार्क में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत की उपलब्धियों के बारे में प्रवासी भारतीयों को बताया. कहा कि लगभग 75 महीने पहले हमने स्टार्ट अप इंडिया कार्यक्रम शुरू किया था. तब स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में हमारी गिनती कहीं नहीं होती थी. आज हम यूनिकॉर्न्स के मामले में दुनिया में नंबर-3 पर हैं. आज स्टार्टअप्स के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम हिंदुस्तान है.
*सबसे ज्यादा डाटा का इस्तेमाल करते हैं भारतीय*
प्रधानमंत्री ने इंटरनेट और डाटा उपभोग के बारे में कहा कि 5-6 साल पहले हम पर कैपिटा डाटा कंजंप्शन के मामले में दुनिया के सबसे पिछड़े देशों में से एक थे. आज स्थिति बदल गयी है. उन्होंने कहा कि आज अनेक बड़े देश मिलकर जितना पर कैपिटा मोबाइल डाटा कंज्यूम करते हैं, उससे ज्यादा हम भारत में करते हैं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात ये है कि आज जो भी नया यूजर जुड़ रहा है, वो भारत के गांवों से है. इसने भारत के गांव और गरीब को तो सशक्त तो किया ही है, बहुत बड़े डिजिटल मार्केट का गेट भी खोल दिया है. ये नये भारत की रियल स्टोरी है.
*वैक्सीन न बनाते तो क्या होता*
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत जो कुछ भी हासिल कर रहा है, वो उपलब्धि सिर्फ भारत की नहीं है. वो उपलब्धि विश्व की करीब 20 फीसदी मानवता की है. कल्पना कीजिए, अगर भारत में हम वैक्सीनेशन को हर परिवार तक नहीं पहुंचा पाते, तो उसका दुनिया पर क्या असर होता? अगर भारत मेड इन इंडिया, सस्ती और प्रभावी वैक्सीन्स पर काम ना करता, बड़े स्केल पर प्रोडक्शन नहीं करता, तो दुनिया के अनेक देशों की क्या स्थिति होती?
*हम सभी के संस्कार भारतीय*
पीएम मोदी ने भारत और भारतीयता की जमकर तारीफ की. कहा कि भाषा कोई भी हो, लेकिन हम सभी के संस्कार भारतीय ही हैं. हमारी खाने की थाली बदल जाती है, टेस्ट बदल जाता है. लेकिन, स्नेह से बार-बार आग्रह करने का भारतीय तरीका नहीं बदलता. हम राष्ट्ररक्षा के लिए मिलकर खड़े होते हैं, राष्ट्रनिर्माण में मिलकर जुटते हैं. इनक्लूसिवनेस और सांस्कृतिक विविधता भारतीय समुदाय की ऐसी शक्ति है, जो हम सबको प्रतिपल जीवंतता का एहसास कराती है. हजारों वर्षों के कालखंड ने इन मूल्यों को हमारे भीतर विकसित किया है.
*डेनमार्क में बोले पीएम मोदी- भारत-ईयू फ्री ट्रेड एग्रीमेंट शीघ्र संपन्न होंगे*
डेनमार्क के साथ संबंधों को नयी ताकत मिलेगी
पीएम मोदी ने कहा कि एक भारतीय दुनिया में कहीं भी जाये, वो अपनी कर्मभूमि के लिए, उस देश के लिए पूरी ईमानदारी से कंट्रीब्यूट करता है. अनेक बार जब मेरी वर्ल्ड लीडर्स से मुलाकात होती है, तो वे अपने देशों में बसे भारतीय समुदाय की उपलब्धियों के बारे में मुझे गर्व से बताते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन की व्यक्तिगत प्राथमिकताओं, उनकी वैल्यूज से गाइडेड है. आज उनके साथ मेरी जो चर्चा हुई है, उससे दोनों देशों के संबंधों को नयी ताकत मिलेगी, नयी ऊर्जा मिलेगी.
*भव्य स्वागत के लिए जताया आभार*
कोरोना के कारण बहुत समय तक सभी का जीवन एक तरह से वर्चुअल मोड में ही चल रहा था. पिछले साल जैसे ही आवाजाही मुमकिन हुई, तो प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन पहली राष्ट्र प्रमुख थीं, जिनका हमें भारत में स्वागत करने का अवसर मिला. ये भारत और डेनमार्क के मजबूत होते संबंधों को दिखाता है. उन्होंने कहा कि आपलोगों ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री जी का और मेरा यहां जो भव्य स्वागत किया, उसके लिए मैं आप सभी का बहुत आभारी हूं. आज प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन का यहां होना इस बात का प्रमाण है कि भारतीयों के प्रति उनके दिल में कितना प्यार और सम्मान है.