प्रयागराज : (राजेश सिंह)। प्रयागराज के नए यमुना पुल पर बेयरिंग बदलने के लिए छह महीने के लिए आवागमन रोकने का प्रस्ताव हुआ है। यमुना पर निर्मित नए नैनी ब्रिज की पुरानी बेयरिंग बदलने के लिए एनएचएआई ने जिला प्रशासन को रूट डयावर्जन का प्रस्ताव दे दिया है। एनएचएआई की ओर से छह जून से नैनी सेतु की मरम्मत के लिए रूट डायवर्जन मांगा गया है। इस सेतु की मरम्मत में छह महीने का वक्त लगने की उम्मीद है। नए यमुना पुल की मरम्मत के दौरान रीवा राजमार्ग के अलावा मिर्जापुर और बांदा -चित्रकूट की ओर से प्रयागराज आने वाले वाहनों को लंबी दूरी तय करनी होगी। अब इन रूटों पर चलने वाले भारी वाहनों को दूसरे जिलों से डायवर्ट कर प्रयागराज लाने की यातायात योजना तैयार की जा रही है। एनएचएआई की ओर से दिए गए छोटे चार पहिया वाहनों के लिए प्रस्ताव में पांटून का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन बारिश में यमुना में आने वाली बाढ़ को देखते हुए इसे निरस्त कर दिया गया। फिलहाल पुराने यमुना पुल से होकर ही दो पहिया वाहनों को शहर में प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा पुराना पुल के नीचे वाली सर्विस रोड का भी सुधार कराया जा रहा है, ताकि छोटे चार पहिया और दो पहिया वाहनों को इन रूट से गुजारा जा सके। मीरजापुर और मध्यप्रदेश के रीवा की ओर से प्रयागराज के लिए इस मार्ग पर हर रोज 50 हजार से अधिक वाहनों की आवाजाही होती है। अफसरों के मुताबिक नए यमुना पुल की बेयरिंग बदलने का ठेका विदेशी कंपनी को दिया गया है। इस कंपनी के विशेषज्ञ इस सेतु का सर्वे कर चुके हैं। कंपनी के विशेषज्ञ भी यातायात प्रबंधन के उपायों पर यातायात पुलिस के साथ मंथन कर रहे हैं। यातायात प्रभारी के मुताबिक एनएचएआई ने अलग-अलग अवधि में छह महीने तक के लिए डायवर्जन मांगा है। इस दौरान कभी दिन भर तो कभी आठ और छह घंटे के लिए भी डायवर्जन प्रस्तावित किया गया है। वर्ष 2004 में पुराने नैनी ब्रिज पर यातायात की भीड़ को कम करने के लिए इस सेतु का निर्माण कराया गया था। पुल का निर्माण हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी और हुंडई इंजीनियरिंग ने संयुक्त रूप से किया था। अफसरों के मुताबिक सिक्स लेन नया यमुना सेतु आधुनिक डिजाइन के कारण हर किसी को आकर्षित करता है। इसमें कंक्रीट से बने दो पिलर हैं, जो स्टील केबलों के सहारे इस पुल की छत को सहारा देते हैं।
नए यमुना पुल की बेयरिंग पुरानी हो गई है। इसलिए उसे बदलने का निर्णय लिया गया है। ठेका कंपनी की ओर से रूट डायवर्जन प्रस्तावित किया गया है। जिला प्रशासन की ओर से रूट डायवर्जन मिलने के बाद काम आरंभ करा दिया जाएगा। - एके राय, परियोजना निदेशक-एनएचएआई-प्रयागराज।