प्रयागराज (राजेश सिंह)। मां तो जननी होती है। वह अपने बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए कई बार 'मर' भी सकती है। उनको मौत के मुंह से खींच भी सकती है। मातृ दिवस पर ऐसी मां को सलाम, नमन। आज हम ऐसी ही एक मां की कुर्बानी की कहानी बता रहे हैं। ये हैं यूपी के प्रतापगढ़ जनपद की पूर्व बीडीसी रेखा सिंह। उन्होंने लाडले की जिंदगी खतरे में देखी तो अपनी किडनी दे दी। अब मां-बेटे दोनों एक-एक किडनी पर जीवित हैं। यानी मां ने मानो फिर से बेटे को जन्म दिया है।
बेटे की दोनों किडनी फेल होने की जानकारी पर मां का तड़प उठा दिल : प्रतापगढ़ जिले में कुंडा के चौंसा गांव निवासी विजय कुमार सिंह व्यापारी हैं। विजय के तीन बेटों में बड़ा विकास सिंह अचानक अस्वस्थ हो गया। पहले तो स्थानीय स्तर पर दवाएं ली, लेकिन जब कोई नतीजा नहीं निकला तब जांच कराई गई तो परिवार के होश उड़ गए। उसकी दोनों किडनियां फेल मिलीं। बेटे विकास के साथ अनहोनी होने की आशंका में मां का दिल तड़प उठा।
एसजीपीजीआइ के चिकित्सकों से किडनी बेटे को देने की बात कही : प्रयागराज, लखनऊ एवं पीजीआइ के चिकित्सकों ने विकास की हालत देखकर हाथ खड़े कर दिए। कहा कि अगर किडनी बदल दी जाए तो उसकी जान बच सकती है। यह सुन बिना किसी का इंतजार किए मां रेखा ने लखनऊ स्थित एसजीपीजीआइ के चिकित्सक से अपनी किडनी बेटे विकास को देने की इच्छा जाहिर कर दी। जांच के बाद विकास को आपरेशन थिएटर में ले जाया गया।
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मां-बेटे स्वस्थ : उधर चिकित्सक किडनी प्रत्यारोपण कर रहे थे, इधर मां मन ही मन बेटे की जिंदगी के लिए नम आंखों से दुआएं कर रही थी। डाक्टरों ने मां की किडनी बेटे में प्रत्यारोपण कर दिया। विकास अब स्वस्थ है लेकिन दवाएं अब भी ले रहा है। बेटे पर जान न्योछावर करने वाली रेखा ने दैनिक जागरण को बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हम दोनों स्वस्थ हैं। हमारे खान-पान पर कुछ बंदिशें जरूर लगी हैं लेकिन वह भी स्वास्थ्य के हिसाब से है।