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रक्षाबंधन: 11 या 12 अगस्त कब है ? पूर्णिमा तिथि,भद्रा के कारण संशय, जानें सही तारीख

 

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surajvarta.in
आस्था धर्म डेस्क

आज 28 जुलाई 2022 दिन गुरुवार है। रक्षाबंधन इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन 11 व 12 अगस्त को पड़ रही है, इसलिए राखी के त्योहार को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन है. तिथि के साथ ही भद्रा का साया भी है ऐसे में बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी किसी तिथि और किस शुभ मुहूर्त में राखी बांधें...

सावन शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाने वाला भाई-बहनों का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन इस बार दो दिन मनाया जायेगा. इस पर्व को लेकर पंचांग एक मत नहीं है. पूर्णिमा की तिथि और भद्रा की मौजूदगी इसका मुख्य कारण बन रहा है. हृषिकेश पंचांग के अनुसार 11 अगस्त (गुरुवार) की रात 08:25 बजे भद्रा की समाप्ति के बाद राखी बांधी जायेगी. वहीं, बनारसी पंचांग के मुताबिक 11 अगस्त की रात लगभग साढ़े आठ बजे भद्रा के खत्म होने से लेकर अगले दिन शुक्रवार को सुबह 07:16 बजे तक पूर्णिमा तिथि की उपस्थिति में रक्षाबंधन का शुभ कार्य किया जायेगा. वहीं, मिथिला पंचांग के आधार पर 12 अगस्त (शुक्रवार) को बहन अपने भाई को राखी बांधेगी. शास्त्रीय मान्यता के अनुसार भद्रारहित पूर्णिमा में दिन-रात किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है.

*राखी पर ग्रह-गोचरों का अद्भुत संयोग*
ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद पाण्डेय ने बताया कि सावन शुक्ल पूर्णिमा को रक्षाबंधन पर ग्रह-गोचरों का अद्भुत संयोग बना है. 11 अगस्त को व्रत की पूर्णिमा के दिन पूरे दिन सिद्ध योग के साथ श्रवण नक्षत्र रहेगा. फिर स्नान-दान की पूर्णिमा 12 अगस्त को धनिष्ठा नक्षत्र के साथ सौभाग्य योग एवं सिद्ध योग भी विद्यमान रहेंगे. इस प्रकार सावन की पूर्णिमा पर अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है. इस उत्तम संयोग में राखी बांधने से ऐश्वर्य और सौभाग्य की वृद्धि होती है. शास्त्रों में भद्रारहित काल में ही राखी बांधने का प्रचलन है. भद्रारहित काल में राखी बांधने से सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है.

*भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित*
आचार्य झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है. इसके अलावा अन्य कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य भद्रा में करना वर्जित है. इससे अशुभ फल की प्राप्ति होती है. पौराणिक कथा के अनुसार भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन है. जिस तरह से शनि का स्वभाव क्रूर और क्रोधी है, उसी प्रकार से भद्रा का भी है. इस वजह से इस समय शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं.
पूर्णिमा तिथि दो दिन, उदया तिथि के कारण रक्षा बंधन 12 अगस्त को
आचार्य पंडित प्रदीप दुबे के अनुसार, इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन 11 व 12 अगस्त को पड़ रही है, इसलिए राखी के त्योहार को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन है. उन्होंने बताया कि सावन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 09 बज कर 13 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन 12 अगस्त को 07 बज कर 5 मिनट पर समाप्त हो रही है. इस लिहाज से 12 अगस्त को उदया तिथि होने के बाद रक्षा बंधन 12 को मनाया जायेगा.

नोट: आप अपनी समस्याओं के निदान के लिए-surajvarta के ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद पाण्डेय के मोबाइल नंबर-99361 47150 पर संपर्क कर सकते हैं।
(Note: You can contact the astrologer of surajvarta Pandit Anand Pandey on mobile number-99361 47150 for the solution of your problems.)

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