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चार थानों,तीन ब्लाकों, दो नगर पंचायतों व तहसील का मुख्यालय पर अपना ठिकाना नहीं

 *सीओ कार्यालय,कोतवाली, प्रधान डाकघर,फायर स्टेशन,अस्पताल,ब्लाक संसाधन केंद्र,वानरेंज कार्यालय समेत सभी सुविधाओं के बावजदू मेजा खास नगर पंचायत नहीं, दो दशक से सरकार की नजरें इनायत का इंतजार*



मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

तहसील मुख्यालय, ब्लाक मुख्यालय,प्रधान डाकघर, फायर स्टेशन,अस्पताल, लगभग दो सौ गांवों की शांति व्यवस्था को लेकर कोतवाली, करीब 4 सौ गांव की जिम्मेदारी हेतु सीओ कार्यालय,कई राजकीय स्कूल होने के बाद भी अब तक मेजा खास बाजार को नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिला है। मेजा खास के जिम्मेदार लोग नगर पंचायत का दर्जा हासिल करने के लिये पिछले दो दशक से शासन स्तर से लेकर संबंधित अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से पत्र व्यवहार कर रहे है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। लगभग 18 हजार आबादी वाला मेजा खास गांव नगर पंचायत की सभी शर्तें पूरी करता है। समूचे यमुनापार में अगर किसी भी स्थान को नगर पंचायत का दर्जा दिया जाना होगा तो मेजा खास प्रथम स्थान पर होगा।


मेजा खास गांव में फायर स्टेशन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु अस्पताल, तीन ब्लाक मेजा, मांडा एवं उरुवा एवं दो नगर पंचायत सिरसा एवं भारतगंज का कार्यालय एवं राशन वितरण   को लेकर आपूर्ति कार्यालय, चार थाना मेजा, मांडा, कोरांव एवं खीरी को नियंत्रित करने के लिये सी ओ कार्यालय, मेजा एवं कोरांव तहसील के वन क्षेत्र को संरक्षित करने के लिये वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय, ब्लाक संसाधन केंद्र, साधन सहकारी समिति जैसे कार्यालय स्थापित हैं। शिक्षा के क्षेत्र की बात करें तो यहां जिले का इकलौता आवासीय नवोदय विद्यालय, राजकीय महिला पालीटेक्निक सहित एक दर्जन से भी ज्यादा डिग्री कालेज, इंटर कालेज एवं कांवेंट स्कूल शोभा बढ़ाते है। मेजा खास बाजार के व्यवसाय को मजबूती देने के लिये कई राष्ट्रीयकृत बैंक है। लेकिन इसके बाद भी मेजा खास को नगर पंचायत का दर्जा अब तक नहीं मिला है। गांव के पवन केशरी और राहुल मिश्र बताते हैं कि नगर पंचायत बनाने की सारी शर्तें एवं मानक पूरा होने के बाद भी मेजा खास को अब तक नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिला है। नगर पंचायत का दर्जा दिलाए जाने के लिये प्रशासनिक स्तर से लेकर क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रयास किये जा रहे है। विधानसभा एवं लोकसभा के चुनावों में प्रत्याशी नगर पंचायत बनाने का सपना दिखा कर कुर्सी हासिल करते है, लेकिन मेजा खास को अब भी नगर पंचायत बनने का इंतजार है।


हजारों लोगों को रोजगार देने वाला कताई मिल ढाई दशक से बंद है।स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिये तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मेजा पहाड़ी की 60 एकड़ जमीन पर करोड़ों रुपये की लागत से कताई मिल की स्थापना कराई थी। कंपनी चालू होने के बाद यहां बनने वाले धागे की अपनी एक अलग ही पहचान थी। जिसके चलते यहां निर्मित धागे को प्रदेश, देश के साथ ही विदेशों में भी भेजा जाता था। लेकिन

कंपनी के अधिकारियों की आपसी खींचतान के कारण पिछले ढाई दशक से कताई मिल बंद पड़ी हुई है। कंपनी में काम करने वाले लोग कंपनी को फिर से चालू कराने के लिये प्रदेश एवं केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मजदूर नेता रामप्रताप पांडे, रघुनंदन प्रसाद गुप्ता बताते है कि कंपनी में स्थाई एवं अस्थाई लगभग तीन हजार कर्मचारी थे। कंपनी के बंद होने के बाद सभी बेरोजगार है और अब तक उनका बकाया भुगतान नहीं दिया गया है।

*महाभारत काल से स्थापित बोलन धाम आस्था का केंद्र



मेजा खास धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। महाभारत काल में कौरवों द्वारा लाक्षागृह को जला कर पांडवों को मारने की साजिश के बाद पांडव सुरंग के माध्यम से छिप कर भागे और इसी मेजा पहाड़ी पर पहुंचे थे। बताए हैं कि यहां अपने भाइयों की प्यास बुझाने के लिये अर्जुन ने अपने तीर से पहाड़ी का सीना चीर कर पानी निकाला था। भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के लिये पाडवों ने ही यहां बोलन धाम की स्थापना की थी। बोलन धाम में बड़े रविवार को प्रत्येक साल दो दिवसीय विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में यमुनापार ही नहीं बल्कि गंगापार एवं मध्य प्रदेश के लोग भी आकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। यहां आज भी भीम के पैरों के निशान मौजूद है। मेजा खास के जानकार लोगों की माने तो बोलन धाम एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।


*शान बढ़ा रहा जिले का इकलौता आवासीय नवोदय विद्यालय


Svnews

प्रयागराज जिले का इकलौता आवासीय जवाहर नवोदय विद्यालय मेजा खास गांव की पहाड़ी पर स्थापित है। विद्यालय में पूरे जिले के मेधावी छात्रों का चयन करने के बाद यहां आवासीय शिक्षा व्यवस्था है। जवाहर नवोदय विद्यालय से निकले छात्र प्रदेश, देश और विदेशों में मेजा का नाम रोशन कर रहे है। उसके बगल ही स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय भी स्थापित है,जहां क्षेत्र की गरीब बालिकाओं को नि:शुल्क आवासीय शिक्षा मुहैया कराई जाती है। मेजा खास गांव की ही पहाड़ी पर राजकीय महिला पालीटेक्निक की स्थापना कराई गई है,जहां जिले की छात्राएं आवासीय शिक्षा हासिल कर अपने बेहतर भविष्य का निर्माण करती है।

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