प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज मे बेटा और बहू ने अपनी 75 वर्षीय बूढ़ी मां को घर से निकाल कर ताला जड़ दिया। खुद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अन्यत्र किराए का कमरा लेकर रहने लगा। वृद्ध महिला ने कहा कि इतना दुख तब नहीं हुआ था जब उसके पति का निधन हो गया था, जब बेटे ने बेसहारा छोड़ दिया। यह दर्द भरी कहानी प्रयागराज जिले के बहादुरपुर ब्लाक के दरियापुर उर्फ गुलालपुर गांव की रहने वाली एक 75 वर्षीय सोना देवी पत्नी स्व. अमृतलाल कुशवाहा की है। सोना देवी के पती स्वर्गीय अमृत लाल कुशवाहा की मृत्यु करीब 6 वर्ष पहले ही हो गई थी। सोना देवी के दो बेटे और एक बेटी है। बड़ा बेटा सूर्यभान कुशवाहा व उसकी पत्नी कुशलावती की बीमारी के चलते करीब 12 वर्ष पहले ही मृत्यु हो गई थी। उनकी दो बेटियां गांव में ही रहती हैं। छोटा बेटा चंद्रभान कुशवाहा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ झूंसी में एक किराए के मकान में रहता है और एक बेटी है जिसकी शादी सैदाबाद के बरियापुर गांव में हुई है। वह अपने ससुराल में रहती है। बताते हैं कि फरवरी में सोना देवी के छोटे बेटे चंद्रभान कुशवाहा और बहू सुनीता देवी गांव में आए और अपनी बूढ़ी मां को घर से निकाल कर ताला लगा कर झूंसी चले गए। उसके बाद बूढ़ी मां दिन में तो गांव में टहल कर अपना पेट भर लेती थी लेकिन जाडे़ की रात में वह खुले आसमान के नीचे सोया करती थी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस पहुंची और ताला खुलवा कर वृद्धा को फिर से घर के अंदर कर दिया। पता चलने पर बेटा व बहू पहुंचे और अपनी बूढ़ी मां को फिर घर से निकाल कर ताला जड़ दिया। तब से बेसहारा और लाचार मां गांव में घूम घूमकर लोगों के यहां सहारा लेने लगी गांव के कुछ धर्म वान उसे दो वक्त की रोटी और कपड़े उसी दिन से देने लगे दिन भर गांव में टहलती थी। 25 दिन पहले गांव के प्रधान उदयभान कुशवाहा जो झूंसी में रहते हैं वह कार से अपने गांव जा रहे थे। तभी देखा कि रास्ते में सड़क के किनारे वृद्ध महिला को खुले आसमान के नीचे बारिश में भीगता व कांपती देख वहां पहुंचे। पता चलने पर प्रधान उन्हें अपने साथ घर ले आए। उन्हीं के घर में सोना देवी रह रही हैं। ग्राम प्रधान ने प्रार्थना पत्र क्षेत्रीय विधायक प्रवीण सिंह पटेल व जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी फूलपुर को दिया। उनसे सोना देवी को वृद्धा आश्रम में रहने की व्यवस्था कराने की मांग की। आश्वासन ही मिला है। गांव के प्रधान ने बताया कि पूर्व में सन् 2017-18 में सोना देवी को इंदिरा आवास आवंटित किया गया था, जिसमे आज तक छत नहीं पड़ सका है। उसी के बगल छप्पर डालकर उसके बड़े बेटे स्वर्गीय सूर्यभान की दो पुत्रियां रहती हैं। सोना देवी का बेटे चंद्रभान कुशवाहा ने बताया कि उसके पिता ने घर की संपत्ति करीब पांच विश्वा जमीन और घर को पूर्व में बेच दिया था। जिस मकान में रहने की बात कही जा रही है वह उसकी पत्नी के नाम से है, जिसे ससुर चिंतामणि ने 30 हजार रुपये में खरीदा था। बूढ़ी मां को जहां सरकारी आवास मिला है वहीं जाकर रहें।