शिष्या ने लगाया था दुष्कर्म का आरोप
प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाई कोर्ट पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के खिलाफ शाहजहांपुर में उन्हीं की शिष्या द्वारा दर्ज कराये रेप केस को वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले पर शीघ्र फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने एसीएम तृतीय को स्वामी के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट के अमल में सुस्ती बरतने का निर्देश दिया है। मजिस्ट्रेट ने स्वामी को 26 सितंबर को पेश करने का आदेश दिया है, जबकि हाईकोर्ट में केस वापसी मामले में फैसला सुरक्षित है। कोर्ट ने कहा 4-5 दिन में फैसला आ जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती की तरफ से दाखिल अर्जी पर दिया है। जिसमें कहा गया है कि याचिका पर कोर्ट ने 29 जुलाई 22 फैसला सुरक्षित कर लिया है और मजिस्ट्रेट ने याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर पेश करने का निर्देश दिया है। याची का कहना है कि वह बीमार है और 76 वर्ष का है। आंख का आपरेशन कराने जा रहा है, इसलिए गैर जमानती वारंट पर रोक लगाई जाए। स्वामी के खिलाफ दुष्कर्म मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। राज्य सरकार ने केस वापस लेने का फैसला लिया। जिसे निचली अदालत ने अस्वीकार कर दिया। उसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जाहिर फैसला आने वाला है।