आईसीएफ कोच होता तो शायद न होता ऐसा
प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा गोमती एक्सप्रेस की कपलिंग टूटने की घटना के बाद अधिकारियों ने प्रथम दृष्टया इसे एचएलबी कोच को बताया है। इस मामले में बताया जा रहा है कि अगर ट्रेन में सारे आईसीएफ कोच होते तो शायद यह हादसा ना होता। रेलवे सूत्रों के अनुसार प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन पर एक एलएचबी कोच रखरखाव के लिए रायबरेली से आया था। उसको वापस ले जाना था। इसी वजह से उसे गंगा गोमती के इंजन के साथ लगाया गया। एलएचबी कोच को ट्रेन के अन्य पुराने आईसीएफ कोच से जोड़ा गया। पुराने और नए कोच की कपलिंग में काफी अंतर रहता है। इसी वजह से बीच रास्ते में कपलिंग टूटने की बात कही जा रही है।
बता दें कि प्रयागराज संगम से लखनऊ जा रही गंगा गोमती ट्रेन मंगलवार की सुबह बीच रास्ते दो हिस्से में बंट गई। रामचौरा रोड रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन का इंजन एक एलएचबी कोच के साथ 14 अन्य कोच को छोड़ कर आगे की तरफ बढ़ गया। बताया जा रहा है कि कपलिंग टूटने की वजह से यह घटना हुई। गंगा गोमती एक्सप्रेस मंगलवार की सुबह 5.40 बजे प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन से लखनऊ के लिए रवाना हुई। प्रयाग जंक्शन और फाफामऊ जंक्शन पर ठहराव के बाद ट्रेन का अगला स्टॉपेज लालगोपालगंज था। इसी दौरान रामचौरा रोड स्टेशन के पास यात्रियों को झटका लगा। बाद में मालूम पड़ा कि ट्रेन का इंजन एक कोच के साथ आगे बढ़ गया है। शेष 14 डिब्बे पीछे रह गए।
जानकारी होने पर गार्ड और ड्राइवर ने जांच की तो मालूम पड़ा कि एलएचबी कोच जो ट्रेन में जोड़ा गया था उसकी कपलिंग टूट गई है। इसकी सूचना लखनऊ एक्सप्रेस कंट्रोल रूम को दी गई। इस दौरान ओएचई लाइन पर बिजली सप्लाई रोक दी गई। घटना के बाद तमाम यात्री ट्रेन के बाहर उतर आए। कुछ ने इसका वीडियो बना कर सोशल मीडिया में शेयर कर दिया। मौके पर कुछ समय बाद पहुंची रेलवे की टेक्निकल टीम ने टूटी कपलिंग जोड़ दी।
बाद में ट्रेन तकरीबन 8.30 बजे के आसपास लालगोपालगंज के लिए रवाना हुई। विलंब होने की वजह से ट्रेन सुबह 9.30 की जगह 11.30 बजे ऊंचाहार पहुंच सकी। लखनऊ मंडल के एडीआरएम अश्विनी श्रीवास्तव का कहना है कि इस मामले में जांच कराई जाएगी। कपलिंग टूटने की वजह से ही ट्रेन के दो भाग में बांटने की बात सामने आई है।