प्रयागराज (राजेश सिंह)। सर्जन के फ्लैट में महिला की हत्या के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि सर्जन डॉ. दीपकेंदु मित्रा को घटना की जानकारी 24 घंटे पहले ही हो गई थी। इसके बावजूद उन्होंने घटना छिपाए रखी। पुलिस को जानकारी 24 घंटे बाद अगले दिन दी। उन्होंने ऐसा क्यों किया, फिलहाल पुलिस इसका जवाब ढूंढने में लगी है। उधर देर रात मृतका की मां की तहरीर पर सर्जन के खिलाफ हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
इससे पहले पुलिस दिन भर तहरीर मिलने का इंतजार करती रही। इस दौरान मृतका की मां के साथ ही सर्जन और उसके जानने वाले सोनू सिंह से भी कई बार में पूछताछ की गई। आखिरकार देर रात मां की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज कर लिया गया। इसके बाद अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है। मां की ओर से दी गई तहरीर में लिखा गया है कि उसकी बेटी सर्जन के रामबाग स्थित फ्लैट में रहती थी। 24 नवंबर को वह फ्लैट के भीतर मृत पड़ी मिली। उसकी हत्या की गई थी। कोतवाली प्रभारी मुदित राय ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
उधर इससे पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या किए जाने की बात सामने आने के बाद शनिवार को पुलिस की छानबीन में बेहद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पता चला कि सर्जन को महिला की मौत की जानकारी एक दिन पहले ही हो गई थी। 23 नवंबर को ही उन्हें पता चल गया था कि महिला की मौत हो चुकी है। लेकिन उन्होंने पुलिस को जानकारी नहीं दी। शाम करीब 5ण्30 बजे उन्होंने झलवा निवासी सोनू सिंह को फोन किया और घटना की जानकारी दी।
उन्होंने सोनू से यह भी कहा कि वह फ्लैट पर पहुंचे और कुछ देर में वह भी आ रहे हैं। इसके बाद सोनू मौके पर गया और बिल्डिंग में भूतल पर स्थित डायग्नोस्टिक सेंटर के कर्मचारी से घटना के बाबत जानकारी ली। उसे लेकर फ्लैट तक भी गया। लेकिन जब काफी देर तक डॉक्टर नहीं आए तो वह चुपचाप वापस चला गया। उसने भी पुलिस को जानकारी नहीं दी। अगले दिन यानी 24 नवंबर को दोपहर में तीन बजे के करीब डॉक्टर ने सूचना दी तब जाकर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची।
सिर्फ बदबू आने की बताई थी बात
सूत्रों का कहना है कि पुलिस को घटना की जानकारी 24 नवंबर को दोपहर तीन बजे के करीब हुई थी। तब सर्जन ने खुद कोतवाली थाने पहुंचकर पुलिस को सूचना दी थी। हालांकि उन्होंने सिर्फ यह बताया था कि उनके फ्लैट से बदबू आ रही है। इसकी जानकारी उन्हें पड़ोसियों ने दी। वह पहुंचे तो कई बार बेल बजाने के बावजूद दरवाजा नहीं खुला। किसी और के नंबर से किया था कॉल पुख्ता सूत्रों के मुताबिकए जांच में एक और ऐसी बात सामने आई है जो घटना में सर्जन की भूमिका को संदिग्ध बनाती है। दरअसलए 23 नवंबर की शाम सर्जन ने सोनू को जिस नंबर से कॉल कियाए वह उनका नंबर नहीं था। यह किसी और का नंबर था। सूत्रों का कहना है कि सोनू ने पूछताछ में खुद यह बात पुलिस को बताई है।
सवालों के घेरे में सर्जन
. घटना की जानकारी 23 नवंबर को ही होने के बाद भी क्यों साधे रहे चुप्पी
. झलवा निवासी सोनू सिंह को फ्लैट पर भेजने के पीछे क्या था मकसद
. घटना के बाद सोनू के बारे में पूछने पर कोई जानकारी न होने की पुलिस से क्यों कही बात
. मृतका को ही नहीं, उसके परिवार को भी जानने के बावजूद क्यों बने रहे अनजान
. उनके फ्लैट के पते पर मृतका का आईडी प्रूफ बनने का क्या है राज
. मृतका की मां की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर क्यों साध रखी है चुप्पी
धूमनगंज थाने में मां ने की थी शिकायत, हुई थी पंचायत
इस मामले में यह भी पता चला है कि शादी के कुछ दिनों बाद ही मृतका के घर से गायब होने के बाद शिकायत पुलिस तक पहुंची थी। खुद उसकी मां ने सर्जन के खिलाफ शिकायती पत्र धूमनगंज थाने में दिया था। इस मामले में थाने में पंचायत भी हुई। जिसके बाद समझाकर मृतका को मां के साथ भेज दिया गया था। हालांकि, कुछ दिनों बाद ही वह फिर गाबय हो गई थी।