प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज में समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक विजमा यादव सहित 14 सहयोगियों के विरुद्ध 21 वर्ष पुराने मामले में एमपी/एमएलए की विशेष कोर्ट में मुकदमे की विवेचना करने वाले विवेचक स्वामीनाथ की गवाही दर्ज की गई। अभियोजन ने मुकदमे के सभी गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज करा दिया है। उच्च न्यायालय के पांच न्यायमूर्तियों की निगरानी में चल रही सुनवाई में तेजी आई और मात्र आठ महीने में ही सभी गवाहों की गवाही अभियोजन ने पूरी करा दी।
एमपी एमएलए की विशेष कोर्ट के न्यायाधीश डा. दिनेश चंद्र शुक्ल के समक्ष सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य ने अभियोजन की ओर से अंतिम 15वें गवाह विवेचक का शपथपूर्वक बयान दर्ज कराया। विवेचक ने अदालत को बताया कि विधायक विजमा यादव के ही उकसाने पर ही भीड़ अनियंत्रित होकर पुलिस टीम पर गोली, बम से हमला किया, जिसमें पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट लगी थी। घटना में विजमा यादव शामिल थीं।
21 सितंबर 2000 को शाम 2.30 बजे चौकी सहसों के सामने श्याम बाबू के पुत्र सात वर्षीय आनंद जी उर्फ छोटू की मृत्यु दुर्घटना में होने पर उसके शव को सड़क पर रखकर ईट बल्ली लगाकर नाजायज तरीके से मजमा लगाकर बलवा किया। सभी लोग घातक असलहों से लैस थे। थाना प्रभारी सरायइनायत कृपाशंकर दीक्षित व अन्य पुलिस अधिकारियों को जान से मारने की नियत से ईंट, पत्थर फेंका। जाम लगाकर सड़क पर अवरोध उत्पन्न किया, जिससे कि लोगों को आने-जाने में अवरोध हुआ। आम आदमी के जीवन को संकट में डाल दिया। पुलिसकर्मियों को अपना कर्तव्य निर्वहन करने से रोकने के लिए भय पहुंचाया, उनको चोटें पहुंचाई।
लोक शांति भंग करने के आशय से अपमानित किया। सरकारी कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों को जान से मारने की धमकी दी। सड़क पर खड़े हो गए वाहनों को क्षतिग्रस्त किया। लोक सेवक के आदेश की अवहेलना किया। इससे वहां पर अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। लोक संपत्ति को क्षति पहुंचाई। अफरा-तफरी का भय उत्पन्न किया। अभियोजन के अनुसार घटना के समय तत्कालीन इंस्पेक्टर सरायइनाइत कृपाशंकर दीक्षित की मृत्यु हो चुकी है।