प्रयागराज (राजेश सिंह)। पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद जिला पुलिस में अन्य बदलावों के साथ ही एक अहम परिवर्तन पुलिस अफसरों के पदनाम में होगा। प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट को अलग-अलग जोन में बांटा जाएगा जिसमें हर जोन का प्रभारी एसएसपी/एसपी रैंक का अफसर होगा। जिसे डीसीपी कहा जाएगा।
डीसीपी को पुलिस उपायुक्त भी कहा जाएगा। यह डीसीपी ही जोन के प्रभारी होंगे। अब तक एडिशनल एसपी कहे जाने वाले अफसर एडीसीपी होंगे। इन्हें अपर पुलिस उपायुक्त का पदनाम दिया जाएगा। डिप्टी एसपी या सीओ एसीपी यानी सहायक पुलिस उपायुक्त कहे जाएंगे।
थानों में प्रभारी की भूमिका पूर्व की तरह ही प्रभारी निरीक्षक या थानाध्यक्ष ही संभालेंगे। एडीजी रैंक के अफसर के पुलिस कमिश्नर बनने पर आईजी रैंक के अफसर जेसीपी या संयुक्त पुलिस आयुक्त के तौर पर तैनात होंगे। आईजी रैंक के अफसर को पुलिस कमिश्नर बनाया जाता है तो जेसीपी के पद पर डीआईजी रैंक के अफसरों को तैनात किया जाएगा।
आईपीएस अधिकारियों की बढ़ेगी संख्या
जानकारों का कहना है कि कमिश्नरेट बनने पर जिले में आईपीएस अफसरों की संख्या भी बढ़ जाएगी। दरअसल मौजूदा समय में छह आईपीएस जिले में तैनात हैं जिनमें से दो एएसपी हैं। कमिश्नरेट बनने पर ज्यादा आईपीएस अफसरों की जरूरत होगी। एडीजी रैंक के अफसर के कमिश्नर बनने पर आईजी स्तर के अधिकारी को जेसीपी क्राइम व मुख्यालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा एसपी स्तर के अधिकारी को डीसीपी के पद पर तैनात किया जाएगा।
थाना प्रभारियों की तैनाती में अनुमोदन की जरूरत नहीं
कमिश्नरेट प्रणाली में थानों में प्रभारियों की तैनाती में डीएम के अनुमोदन की जरूरत नहीं रह जाएगी। दरअसल अभी थाना प्रभारियों का चयन तो एसएसपी ही करते हैं, लेकिन इसका अनुमोदन डीएम से कराना पड़ता है। इसके अलावा जुलूस, धरना प्रदर्शन आदि की अनुमति भी पुलिस कमिश्नर ही दे सकेंगे।