संगम क्षेत्र बना कल्पवासियों और शहरियों के लिए पिकनिक स्पॉट
प्रयागराज (राजेश शुक्ला)। माघ मेले में शनिवार को धूप निकलने के बाद जहां भारी भीड़ उमड़ी, तो वहीं रविवार को भी कल्पवासियों को धूप में पूजा-पाठ, जप-तप करते देखा गया।
एक सप्ताह से छाये घने बादल और कोहरे की अपेक्षा मौसम साफ होने, अच्छी धूप खिलने के कारण भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचे। इस दौरान संगम तट पर पिकनिक जैसा नजारा रहा। शहरियों ने भी मेले में पहुंचकर स्नान किया। स्नान ध्यान के बाद ऊंट की सवारी भी की गई। माघ मेला के तपस्वी नगर, रामानुज नगर, तुलसी मार्ग, त्रिवेणी मार्ग, खाक चौक और काली मार्ग पर बड़ी संख्या में कल्पवासी जप, तप और ध्यान में लीन दिखाई दिए।
भूमि आवंटन न होने से नाराज श्रीहरि कथा समिति के अध्यक्ष कथावाचक ईश्वर जी महाराज ने गंगा में जल समाधि लेने की धमकी दी है। कथा वाचक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर अपनी पीड़ा जाहिर की है। उन्होंने सीएम को लिखा है कि वह लंबे समय से माघ मेला में शिविर लगाने के लिए भूमि आवंटन के लिए आवेदन करते आ रहे हैं। वर्ष 2021 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी भूमि सुविधाओं के लिए लिखा था। महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने भी पत्र लिखकर उनकी संस्था को भूमि दिलाने की संस्तुति की। इस बार सेक्टर पांच में मेला का विस्तार किया गया है। किसी भी संत को भूमि, सुविधा से वंचित न रखने का निर्देश दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें भूमि नहीं दी जा रही है।
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के माघ मेला सेक्टर दो में शिविर का भूमि पूजन किया गया। आचार्य बालकृष्ण त्रिपाठी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन कराया। अकादमिक निदेशक अखिलेश कुमार दुबे ने बताया कि माघ मेले में जन जागरूकता शिविर लगाया जा रहा है। शिविर में विश्वविद्यालय की ओर कई शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
इस दौरान जन जागरूकता, फिल्म प्रदर्शन, विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित नवीन पुस्तकों पर परिचर्चा, लेखक से मिलिए कार्यक्रम, पोस्टर प्रतियोगिता, फोटोग्राफी प्रतियोगिता, काव्यपाठ, राष्ट्र के नायकों पर निबंध प्रतियोगिता, माघ मेला स्लोगन, भारतीय संत परंपरा पर व्याख्यान, गायन, काव्य पाठ, लोकगीतों का दस्तावेजीकरण, विद्यार्थियों द्वारा खेल प्रतियोगिताएं होंगी। यहां डॉ. पीयूष कुमार पतंजलि, डॉ. अख्तर आलम, डॉ. सत्यवीर, डॉ. यशार्थ मंजुल, डॉ. विजया सिंह, डॉ. अनूप कुमार, मनोज कुमार द्विवेदी, जगजीवन राम प्रजापति, रोहित कुमार, पीतांबर गौतम आदि मौजूद रहे।