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पिता की शहादत के बाद अमर सिंह ने पहनी थी पुलिस की वर्दी, जल्द ही सीओ के पद होने वाला था प्रमोशन

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। 36 साल पहले पिता की शहादत के बाद अमर सिंह रघुवंशी ने पुलिस विभाग की नौकरी ज्वाइन कर वर्दी पहनी थी। मगर होनी को कौन टाल सकता है। प्रयागराज में नौकरी के दौरान पिता को खोने वाले परिवार पर अब इंस्पेक्टर अमर सिंह की मौत के बाद दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार के सभी सदस्य हादसे की सूचना से ही बदहवास हो गए। प्रतापगढ़ पहुंचे परिजनों, रिश्तेदारों के करुण क्रंदन से लोगों का कलेजा फट रहा था।
अमेठी जनपद के गंगागंज सरवन निवासी हौंसला प्रसाद सिंह वर्ष 1986 में प्रयागराज के हंडिया थाने में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। परिवार के लोगों के अनुसार हंडिया थाने में तैनाती के दौरान एक रात में दो गुटों के बीच मुठभेड़ की जानकारी मिलते ही वह मौके पर पहुंचे थे। जहां बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान हौंसला प्रसाद सिंह गोली लगने से शहीद हो गए। 
हौंसला प्रसाद की शहादत के बाद बड़े बेटे अधिवक्ता रामसिंह ने अपने छोटे भाई अमर सिंह को पुलिस विभाग में नौकरी के लिए सहमति दी थी। ट्रेनिंग के बाद लखनऊ से नौकरी शुरू करने के बाद अमर सिंह लखनऊ, लखीमपुर खीरी, रायबरेली समेत कई जनपदों में तैनात रहे। छह माह पहले ही वह फतेहपुर से स्थानांतरित होकर प्रयागराज आए थे। प्रयागराज में एसएसपी ने उन्हें कोतवाली का चार्ज दिया था।
बकौल कोतवाल उनकी कार्यशैली सराहनीय रही। घर वालों ने बताया कि उनका जल्द ही सीओ के पद पर प्रमोशन होने वाला था। हादसे में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर अमर सिंह के भाई रामसिंह अमेठी स्थित पैतृक घर पर परिवार संग रहते थे। जबकि इंस्पेक्टर की पत्नी रेनू सिंह, बेटे शेखर विक्रम सिंह व बेटी आयुषी सिंह के साथ लखनऊ में रहती हैं।

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धर्म की नगरी ने सबकुछ छीन लिया, अब तो भरोसा ही न रहा

छोटे भाई इंस्पेक्टर अमर सिंह की हादसे में मौत की खबर मिलने के बाद बड़े भाई रामसिंह परिजनों के साथ पूरे केशवराय स्थित मर्चरी पहुंचे। भाई का खून से लथपथ शव देख वह बिलख पड़े। अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी विद्या सागर मिश्रा व सीओ सिटी सुबोध गौतम ने उन्हें संभाला। इस बीच वह रोते हुए हुए बोले, धर्म की नगरी ने सबकुछ छीन लिया। अब तो भरोसा ही न रहा। वह भाई के साथ व्यतीत समय को याद कर फफक पड़ते थे, लोग उन्हें शांत कराते तो शून्य में देखने लगते। 

गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज

मृतक इंस्पेक्टर अमर सिंह के भाई रामसिंह की तहरीर पर अंतू पुलिस ने अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद ही पहलुओं पर गौर किया। अफसरों के निर्देश पर दुर्घटना के इस मामले में बिंदुवरा जांच की जाएगी। पुलिस ट्रक चालक को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है।

परिजनों से पहले मौत की बात छिपाई, पति का शव देखने से पहले ही बेहोश हो गई पत्नी रेनू

इंस्पेक्टर अमर सिंह रघुवंशी के मौत की जानकारी पहले परिजनों से छिपाई गई। घरवालों को दुर्घटना में इंस्पेक्टर के घायल होने की जानकारी दी गई थी। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचते ही परिवार के अन्य लोगों को देख रेनू को अनहोनी की आशंका हो गई। वह पति का शव देखने का साहस जुटा नहीं सकी। लोग उन्हें शव तक ले जाते, इससे पहले ही वह बेहोश हो गईं। बेटे व बेटीभी पिता का शव देखने मर्चरी गए लेकिन रेनी बाहर बेहोश ही रहीं। परिवार के लोग उन्हें संभालते रहे। बेटे और बेटी भी आंखों में आंसू लिए मां को कभी समझाते तो कभी दिलासा दिलाते रहे। परिवार के अन्य सदस्य भी रोते बिलखते रहे।

कार का एयर बैग खुल गया होता तो बच जाती इंस्पेक्टर की जान

अमेठी-चिलबिला मार्ग पर कल्याणपुर में मोरंग लदे ट्रक की टक्कर से इंस्पेक्टर अमर सिंह की क्षतिग्रस्त होकर गड्ढे में चली गई थी। पुलिस के मुताबिक कार के एयर बैग खुल जाता तो इंस्पेक्टर की जान बच सकती थी। दुर्घटनाग्रस्त कार में इंस्पेक्टर का शव इस कदर फंसा था कि बिना दरवाजे काटे उसे बाहर निकालने की गुंजाइश ही नहीं थी। मौके पर पुलिस अधिकारियों के साथ स्थानीय लोग भी एयर बैग के महत्व के बारे में बात करते रहे। 

हादसे के दो घंटे बाद हो सकी पहचान, सिर व चेहरे पर आई थीं गंभीर चोटें

ट्रक की टक्कर से कार सवार इंस्पेक्टर अमर सिंह रघुवंशी की दर्दनाक मौत हो गई, लेकिन उनकी पहचान दुर्घटना के करीब दो घंटे बाद की जा सकी। घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने गैस कटर की मदद से दरवाजा काटकर उनका शव बाहर निकाला था। सिर व चेहरे पर आई गंभीर चोटों के चलते भी हादसे में जान गंवाने वाले की पहचान नहीं हो पा रही थी। कार से वायरलेस सेट भी मिला था। सो एसएसआई कमलेश पांडेय उसी से खोजबीन करने लगे। वायरलेस से मैसेज मिला फिर जेब से मिले परिचयपत्र के आधार पर शिनाख्त की गई कि मृतक पुलिस विभाग में ही इंस्पेक्टर थे।

पुलिस की छानबीन में घटना करने वाला ट्रक रायबरेली जनपद के ऊंचाहार के उमरान सिंह निवासी जितेंद्र द्विवेदी की बताई गई। ट्रक चालक की तलाश पुलिस कर रही है। 

अंतू थाना क्षेत्र के कल्याणपुर में ट्रक की टक्कर से कार सवार प्रयागराज के इंस्पेक्टर की मौत हो गई। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। हर संभावनाओं पर गहनता से छानबीन करते हुए आरोपी ट्रक चालक की तलाश में पुलिस टीम लगी है। - विद्यासागर मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी

पांच साल एसटीएफ में भी दिखाई थी बहादुरी

तेज तर्रार इंस्पेक्टर अमर सिंह रघुवंशी वर्ष 2006 से वर्ष 2011 तक लखनऊ एसटीएफ में तैनात थे। आईपीएस एस. आनंद के नेतृत्व में उन्होंने कई पेचीदा मामलों का खुलासा भी किया था। उनकी बहादुरी व अनुशासनप्रियता की हर कोई मिसाल देता रहा। परिवार व रिश्तेदारों के सुखदुख में भी वह सहभागी रहते थे। इस कारण घटनास्थल से मर्चरी तक उनके अपनों की भीड़ जुटी रही।

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