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एडीजी की सनसनीखेज रिपोर्ट : एडीएम सिटी दफ्तर से परीक्षा माफिया संग हुई 91 बार बात, कार्रवाई की तैयारी

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लेखपाल मुख्य परीक्षा-2021 में सेंध लगाने वालों के तार एडीएम सिटी दफ्तर से भी जुड़े हैं। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार द्वारा चार माह पहले मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि एडीएम सिटी के दफ्तर में तैनात लिपिक व उसके सहायक की परीक्षा माफिया से क्रमश : दो व 89 बार बात हुई है। एडीजी के इस पत्र से प्रशासनिक महकमे में खलबली मची हुई है।हालांकि एडीजी ने लिपिक लक्ष्मीशंकर यादव और उनके सहयोगी बृजपाल को गैर जनपद स्थानांतरित करने की संस्तुति की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंडलायुक्त ने लिपिक का पटल परिवर्तन किए जाने की बात कही है। दरअसल 31 जुलाई 2022 को करेली स्थित चेतना गर्ल इंटर कॉलेज के केंद्र पर हुई लेखपाल भर्ती मुख्य परीक्षा में नकल कराने के मामले में केंद्र व्यवस्थापक, प्रधानाचार्य, प्रबंधक, अध्यापक और लिपिक के गठजोड़ की बात सामने आई थी। करेली थाने में इसका मुकदमा भी दर्ज है। 
इस मामले में एडीजी कानून व्यवस्था की ओर से 16 सितंबर 2022 को मंडलायुक्त को पत्र भेजा गया था, जिसमें परीक्षा माफिया के साथ एडीएम सिटी के कार्यालय में प्रतियोगी परीक्षाओं का काम देखने वाले लिपिक लक्ष्मी शंकर की संलिप्तता जाहिर की गई है। एडीजी की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार गिरिराज किशोर ने पुलिस को बताया कि चेतना गर्ल इंटर कॉलेज का काम कासान और शिक्षक महावीर सिंह देखते हैं। जांच में पाया गया कि महावीर जिले में कई और विद्यालयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की देखरेख और सेटिंग कराते हैं।
महावीर सिंह ही एडीएम सिटी कार्यालय में तैनात लिपिक लक्ष्मी बाबू से बात कर विद्यालय में सेंटर दिलाते हैं और बाहर परीक्षार्थी से भी सेटिंग भी कराते हैं। एडीजी की रिपोर्ट के मुताबिक महावीर सिंह के मोबाइल की सीडीआर निकलवाकर जांच कराई गई, तब पता चला कि परीक्षा माफिया से कंप्यूटर सहायक बृजपाल और लिपिक द्वारा फोन पर बात की गई है।
 चेतना गर्ल इंटर कॉलेज के मोबाइल नंबर से भी दो कॉल किए जाने की पुष्टि हुई है। इतना ही नहीं बृजपाल लंबे समय से लिपिक लक्ष्मी शंकर यादव के सहायक के तौर पर तैनात बताया गया है। फिलहाल बृजपाल फरार है। एडीजी ने कहा है कि सीडीआर के विश्लेषण से स्पष्ट है कि परीक्षा माफिया महावीर से लिपिक लक्ष्मी शंकर की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है।
इस आधार पर एडीजी ने लिपिक लक्ष्मी शंकर यादव और कंप्यूटर सहायक बृजपाल का गैर जनपद स्थानांतरण करने का आग्रह किया था। लेकिन, चार माह बाद भी लिपिक लक्ष्मी शंकर उसी परीक्षा पटल पर ही तैनात है। खास यह है कि इस अवधि में भी उसी लिपिक की देखरेख में कई प्रतियोगी परीक्षाएं कराई जा चुकी हैं।
मंडलायुक्त के निर्देश पर डीएम संजय कुमार खत्री ने मामले की जांच एडीएम सिटी मदन कुमार को सौंपी थी। एडीएम सिटी कहना है कि इस प्रकरण में उन्होंने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है।
 
इस प्रकरण में मेरी जिलाधिकारी से वार्ता हुई है। प्रतियोगी परीक्षाओं का पटल देखने वाले लिपिक लक्ष्मीशंकर यादव का पटल परिवर्तन किया जा रहा है। - विजय विश्वास पंत, मंडलायुक्त-प्रयागराज
 
इस मामले में लिपिक के सहायक की भूमिका की बात सामने आई है। इसकी जांच कराई गई है। रही बात लिपिक की, तो इसे देखा जा रहा है। -संजय कुमार खत्री, जिलाधिकारी

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