लखनऊ (राजेश सिंह)। शासन ने प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या की वारदात को बेहद गंभीरता से लिया है। उमेश पाल के हत्यारों की तलाश में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को भी लगाया गया है।
डीजीपी मुख्यालय ने प्रयागराज कमिश्नरेट से घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। एसटीएफ मुख्यालय के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए जाने के साथ ही एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट सक्रिय किया गया है। उमेश पाल ने माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ के विरुद्ध धमकाने व अपहरण का मुकदमा भी दर्ज कराया था।
यही वजह है कि माफिया अतीक गिरोह के कई सक्रिय सदस्यों की तलाश तेज की गई है। इसके लिए एसटीएफ की टीमों को प्रयागराज के अलावा अन्य शहरों में भी सक्रिय किया गया है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि उमेश पाल के हत्यारों की तलाश में एसटीएफ को भी सक्रिय किया गया है। एसटीएफ मुख्यालय की सर्विलांस टीम को भी सक्रिय किया गया है।
विधानसभा सत्र के दौरान हुई जघन्य वारदात से कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। विपक्ष भी इसे लेकर सरकार पर हमलावर हो सकता है। यही वजह है कि पुलिस प्रशासन को पूरी तरह से सक्रिय किया गया है, जिससे कि समय रहते कार्रवाई कराई जा सके।
प्रदेश में चिह्नित 77 माफिया गिरोह के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है। इनमें माफिया अतीक अहमद गिरोह के विरुद्ध भी लगातार कार्रवाई हुई है। प्रदेश में माफिया गिरोह की 1842 करोड़ से अधिक कीमत की संपत्ति जब्त व ध्वस्त की गई है।
इनमें अतीक गिरोह की 1168 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त व ध्वस्त कराई गई है। अतीक गिरोह के कब्जे से कई बड़ी जमीनों को मुक्त कराया गया है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अब पुलिस प्रशासन माफिया अतीक गिरोह के विरुद्ध अपनी कार्रवाई तेज करेगा।
माफिया अतीक के विरुद्ध दर्ज 54 मुकदमे वर्तमान में कोर्ट में विचाराधीन हैं। इन सभी मामलों में पैरवी तेज किए जाने का निर्देश दिया गया है। यूपी पुलिस ने चिन्हित माफिया के विरुद्ध अभियान के तहत अब तक अतीक गिरोह के सक्रिय सदस्यों के विरुद्ध 49 मुकदमे दर्ज कराए हैं और गिरोह के 144 सक्रिय सदस्यों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की है। इनमें 14 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। 11 सक्रिय सदस्यों की जमानत भी निरस्त कराई गई। गिरोह के 68 लाइसेंसी शस्त्र भी निरस्त कराए गए हैं।