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माफिया अतीक अहमद के काम करने वाले 53 सरकारी अधिकारी-कर्मचारी रडार पर

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। सरकारी नौकरी करते हुए माफिया के लिए काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की कुंडली तैयार की जा रही है। खुफिया विभाग को पता चला है कि कई विभागों में योगी आदित्यनाथ सरकार की आंखों में धूल झोंककर कई अधिकारी-कर्मचारी माफिया की चाकरी करने में जुटे हैं। सिस्टम के ऐसे धोखेबाजोंं पर खुफिया तंत्र की पैनी नजर है। ऐसे अधिकारियों, कर्मचारियों के फोन सर्विलांस पर ले लिए गए हैं।
इससे पहले 26 पुलिस कर्मियों को माफिया की मदद करने के आरोप में हटाया जा चुका है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद सरकारी महकमे में बैठे ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है, जो अतीक के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे अधिकारी और कर्मचारी अब खुफिया विभाग के रडार पर हैं।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया को मिट्टी में मिलाने के लिए लगाए गए अफसरों को ऐसे कई दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनमें सरकारी विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। जिसके बाद खुफिया विभाग की एक टीम सिर्फ यही तलाशने में लगी है कि किस-किस विभाग के कौन-कौन से अधिकारी और कर्मचारी अतीक अहमद के भरोसेमंद के रूप में उसके लिए काम कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार पुलिस, एसटीएफ, एटीएस, प्रशासन, पीडीए और नगर निगम तक ऐसे संदिग्धों की तलाश हो रही है। माफिया को और उसके गिरोह के सदस्यों, गुर्गों को बचाने और उनकी संपत्तियों से आंख फेरने से लेकर अंदर की सूचनाएं लीक करने वाले कई अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका जांच के दायरे में है। ऐसे अफसर भी निशाने पर हैं जिन्होंने कम समय में ही अकूत संपत्ति एकत्र कर ली और माफिया के लिए दांव-पेच में लगे हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार अबतक ऐसे 53 सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची तैयार हुई है, जो माफिया के लिए काम कर रहे थे। इनमें से कई ऐसे हैं, जिन्होंने आधी नौकरी प्रयागराज में ही बिता दी। ऐसे भी लोग चिह्नित किए गए हैं, जो दो-दो दशक से यहींं तैनात हैं और इसके लिए उन्होंने बकायदा कीमत भी चुकाई, लेकिन शहर नहीं छोड़ा। जाहिर है कहीं और से आने वाली मलाई इतनी अधिक थी कि शहर को छोड़ना उनके लिए सबसे बड़े घाटे का सौदा होता।

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