प्रयागराज (राजेश सिंह)। अतीक अहमद के तीसरे बटे असद को लंदन पढ़ने के लिए जाना था। वहां के कॉलेज से उसे ऑफर लेटर भी मिल गया था, लेकिन पिता की आपराधिक छवि के कारण उसका पासपोर्ट नहीं बन सका। न तो वह विदेश जा सका और ना ही पढ़ाई पूरी की।
उमेश पाल मर्डर केस में उसने कमान संभाली और अब यूपी पुलिस के लिए यह मोस्ट वांटेड बन गया है। 50 हजार का इनामी असद को गिरफ्तार करने के लिए एडीजी एसटीएफ ने प्रयागराज में कैंप किया है।
अतीक अहमद ने अपने तीनों छोटे बेटा को जरायम की दुनिया से दूर रखने के लिए प्रयागराज से दूर स्कूल में दाखिल कराया। अतीक के तीसरे बेटे मो. असद ने डीपीएस लखनऊ से इस बार इंटरमीडिएट की परीक्षा 85 प्रतिशत अंकों के साथ पास की। वह लंदन जाकर विधि की पढ़ाई करना चाहता था। परिजन भी चाहते थे कि वह अपराध की दुनिया से दूर रहे। इसलिए उसके लंदन जाने का इंतजाम किया। असद ने लंदन में बर्मिंघम यूनिवर्सिटी, द यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, विस्टन यूनिवर्सिटी और द यूनिवर्सिटी ऑफ कॅट समेत अन्य में दाखिले के लिए आवेदन किया। सात यूनिवर्सिटी से उसे दाखिले के लिए पत्र भेजे गए।
इस बीच मो. असद ने अपने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया। पहले चकिया स्थित उस मकान के पते पर आवेदन किया, जिसे पीडीए की टीम जमींदोज कर चुकी है। सत्यापन के लिए खुल्दाबाद थाने में फाइल पहुंची, लेकिन पुलिस ने सत्यापन के दौरान लिखा कि अतीक अहमद आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है। उसके अपराध में बेटों की भी संलिप्तता है। ऐसे में पासपोर्ट का आवेदन निरस्त हो गया। असद अपने ननिहाल में रहने लगा था। उसने दूसरी बार ननिहाल के पते से आवेदन किया। इस बार धूमनगंज थाने की पुलिस को रिपोर्ट लगानी थी, लेकिन यहां से भी काम नहीं बना। पासपोर्ट न बनने से असद के लंदन जाने का मामला फंस गया। वह विदेश न जा सका। इस घटना के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या की साजिश से लेकर ऑपरेशन को लीड किया। फरार असद पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया।