Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

जानें कौन हैं जज दिनेश शुक्ला जो अतीक पर सुनाएंगे फैसला, योगी के मंत्री और अखिलेश के विधायक को दे चुके हैं सजा

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। उमेश पाल के अपहरण के 17 साल पुराने मामले में अतीक अहमद पर फैसले को लेकर यूपी में माहौल गर्म है। प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में मामले को लेकर सुनवाई होनी है। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गुजरात और बरेली की जेलों से प्रयागराज लाया गया है, ताकि मामले की सुनवाई के दौरान दोनों कोर्ट में पेश किया जा सके। स्पेशल कोर्ट में मंगलवार को जस्टिस दिनेश चंद्र शुक्ला की अदालत में अतीक की किस्मत का फैसला किया जाएगा। जस्टिस शुक्ला वही जज हैं, जिनके आदेश के बाद अतीक को साबरमती जेल से यूपी लाया गया है। अतीक को फैसले से पहले मामले के जज के बारे में जान लेते हैं, जिन्होंने इससे पहले भी कई माननीयों को अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई है।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के रहने वाले जस्टिस दिनेश चंद्र शुक्ला ने साल 2009 बैच के न्यायिक अधिकारी हैं। 1 जनवरी 1968 को जन्मे दिनेश शुक्ला ने बीकॉम, एमकॉम, एलएलबी और पीएचडी की डिग्री भी हासिल की है। न्यायिक सेवा में आने के बाद 21 अप्रैल 2009 को उन्होंने भदोही के ज्ञानपुर में बतौर ज्यूडिशल मैजिस्ट्रेट अपने करियर की शुरुआत की थी। साल 2011 में वह इलाहाबाद के अडिशनल सिविल जज (जूनियर डिविजन) के रूप में तैनात किए गए। इसके अलावा, उन्होंने एडीजे झांसी, अडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज इलाहाबाद और मेरठ में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सचिव के पद पर भी सेवाएं दी हैं। साल 2022 में उनकी तैनाती प्रयागराज के स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में हो गई, जिसके बाद से अब तक वो यहीं अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' को सुनाई थी सजा

प्रयागराज की स्पेशल कोर्ट में आने के बाद दिनेश शुक्ला ने कई महत्वपूर्ण और चर्चित मामलों में फैसला दिया है। हाल ही में योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को उन्होंने एक साल की सजा सुनाई थी। नंदी को यह सजा साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज एक मुकदमे में सुनाई गई थी। उन पर आरोप था कि उन्‍होंने सपा नेता रेवती रमण सिंह की जनसभा में हिंसक हमला किया था। नंदी आईपीसी की धारा 147 और 323 में दोषी करार दिए गए और उन्‍हें एक साल की कैद और 5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई।

सपा विधायक विजमा यादव पर सुनाया फैसला

इसी साल प्रतापुर से सपा विधायक विजमा यादव को भी 22 साल पुराने एक मामले में दिनेश शुक्ला ने डेढ़ साल की सजा सुनाई है। साल 2000 के इस मामले में विजमा यादव और अन्य लोगों पर पुलिस की टीम पर हमला करने का आरोप लगा था। दिनेश शुक्ला की कोर्ट ने चार बार की सपा विधायक विजमा यादव को दोषी माना था और उन्हें डेढ़ साल की सजा सुनाई थी। विजमा और नंदी के बाद यह तीसरा मौका है, जब दिनेश शुक्ला किसी हाई प्रोफाइल मसले पर अपना फैसला सुनाएंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad