विंध्याचल, मिर्जापुर (राजेश सिंह)। चैत्र नवरात्र के सातवें दिन मंगलवार को श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के कालरात्रि स्वरूप का दर्शन पूजन किया। भोर से ही माता के दर्शन के लिए मंदिर की ओर जाने वाली सभी गलियों में जयकारे गूंजने शुरू हो गए। दर्शन के लिए भक्तों का रेला लगा रहा। मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट खुलते ही मां विंध्यवासिनी की एक झलक पाने के लिए लोग लाइन में घण्टों लगे रहे।
गंगा स्नान के पश्चात श्रद्धालु हांथों में माता का प्रसाद नारियल व चुनरी लिए मंदिर की ओर पहुंच रहे थे। सुबह होते-होते मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से पट गया। भारी भीड़ के बीच किसी ने गर्भगृह तो किसी ने झांकी से ही मां के भव्य स्वरुप का दर्शन किया।
दर्शन-पूजन के साथ ही न्यू वीआईपी, पुरानी वीआईपी मार्ग के अलावा पक्काघाट मार्ग से मंदिर की ओर पहुंच रहे श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की ओर से कई इंतजाम किये गए थे। मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के पश्चात भक्त पहाड़ पर विराजमान मां काली व अष्टभुजा देवी के दर्शन के लिए भी पहुंचे।