प्रयागराज (राजेश सिंह)। दिल्ली की साकेत कोर्ट परिसर में शुक्रवार को फायरिंग की घटना ने सबको चौंका दिया। वकील भी स्तब्ध थे क्योंकि महिला पर फायरिंग कर रहा व्यक्ति अधिवक्ता की वेशभूषा में था। अदालत परिसर में हथियार ले जाने पर पाबंदी है लेकिन चेकिंग के अभाव में अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। प्रयागराज की अदालत में भी कई बार लापरवाही सामने आ चुकी है। कोर्ट और कलेक्ट्रेट परिसर में शूटआउट के बाद भी उदासीनता बनी रहती है।
अभी सात साल पहले का वाकया है। जिला न्यायालय परिसर में एक अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोली मारने वाला कोई अपराधी नहीं एक दारोगा था। हालांकि पुलिस को अदालत परिसर में सरकारी हथियार ले जाने पर रोक नहीं है लेकिन इस घटना ने अदालत की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल तो खड़ा ही कर दिया था।
इसके पहले भी कई बार कोर्ट परिसर में हथियारबंद लोगों ने हमला किया। कलेक्ट्रेट परिसर में भी ऐसा एक सनसनीखेज वाकया हुआ था। एक अपराधी अख्तर को पेशी पर लाया गया था तभी वैन में आए चार अपराधियों ने उस पर गोलियों की बौछार कर दी। इसके बाद पुलिसवालों ने पलटवार कर तीन अपराधियों को ढेर कर दिया था।
इन दो वाकयों के अलावा कई बार जिला न्यायालय परिसर में असलहे लेकर पहुंचे लोगों के बीच टकराव की नौबत आ चुकी है। आतंकी हमलों और बम विस्फोट के खतरे को देखते हुए अदालतों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के निर्देश हैं लेकिन पुलिस चेकिंग करने में ध्यान नहीं देती जिससे हथियारों से लैस लोग बेधड़क जाते हैं और फिर ऐसी घटनाएं होती हैं।