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प्रमुख सचिव गृह का निर्देश, कोई नई परंपरा न शुरू कर तय स्थान पर हों धार्मिक कार्यक्रम

SV News

लखनऊ (राजेश सिंह)। उत्तर प्रदेश में सुदृढ़ कानून व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों के क्रम में गुरुवार को प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक आरके विश्वकर्मा व स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार  द्वारा सभी एडीजी ज़ोन, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, एसएसपी और एसपी आदि के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने कहा कि हालिया वर्षों में प्रदेश में सभी धर्मों के पर्व और त्योहार शांति और सौहार्द के माहौल के बीच संपन्न हुए हैं। इससे पूरे देश में एक अच्छा संदेश गया है। प्रदेश में हर एक नागरिक की सुरक्षा हम सभी का प्राथमिक दायित्व है। हमें अपने इस दायित्व के प्रति सदैव सतर्क-सावधान रहना होगा।
उन्होंने कहा कि रमजान का महीना चल रहा है। आगामी 22 अप्रैल को ईद-उल-फितर, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती का पर्व एक ही दिन होना संभावित है। वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस को अतिरिक्त संवेदनशील रहना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों के दृष्टिगत सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आएं। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए। प्रमुख सचिव गृह ने निर्देश दिए कि फील्ड में तैनात सभी अधिकारी यह सुनिश्चित कराएं कि धार्मिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ आदि निर्धारित स्थान पर ही हों। किसी भी दशा में सड़क मार्ग, यातायात बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन न हो। पूर्व में हमने संवाद-संपर्क के माध्यम से ऐसा कर पाने में सफलता पाई है। इस वर्ष भी हमें ऐसा ही प्रयास करना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि कोई शोभायात्रा या धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाली जाए।
अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दिया जाए, जो पारंपरिक हों, नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए। प्रमुख सचिव गृह ने सोशल मीडिया को लेकर अधिकारियों को संवेदनशील रहने की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज़ पर तत्काल प्रतिक्रिया दें। एक छोटी सी अफवाह माहौल खराब करने का बड़ा कारण बन सकती है। अफवाह और फेक न्यूज का खंडन पुलिस कप्तान जैसे वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जाए।

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