प्रयागराज (राजेश सिंह)। शादी अनुदान योजना घोटाला मामले में दो पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी समेत छह लोगों को दोषी पाया गया है। इनके साथ लाभार्थियों के खिलाफ एफआईआर लिखाने एवं विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया गया है। साथ ही उच्च स्तरीय जांच की संस्तुति की गई है। विभाग की शादी अनुदान योजना में वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 के बीच वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया था। दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच में एक ही लाभार्थियों को दो बार लाभ दिए जाने की बात आई थी। इसी क्रम में शासन ने उप निदेशक समाज कल्याण मंजूश्री श्रीवास्तव को जांच सौंपी थीं। उप निदेशक की जांच में पाया गया कि 11 लोगों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया गया है। इसमें अफसरों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत की बात भी सामने आई है। इसके लिए पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह एवं सुधीर कुमार के अलावा तत्कालीन पटल सहायक संजय सिंह चौहान, सीबी सिंह, शीतला प्रसाद श्रीवास्तव एवं पुष्कर सिंह को दोषी पाया गया है। घोटाले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच की संस्तुति की गई है। इसी क्रम में जांच रिपोर्ट के आधार पर उप सचिव की ओर से निदेशक को पत्र लिखकर दोषी अफसरों एवं कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर लिखाकर एक सप्ताह में अवगत कराने के लिए कहा गया है। उप सचिव की ओर से दोषी अफसरों एवं कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए भी कहा गया है।
शादी अनुदान योजना घोटाला मामले में प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने प्राथमिक जांच में दोषी पाए गए तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह और सुधीर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति कर दी है। साथ ही उन्होंने उच्च स्तरीय जांच भी बैठा दी है। जांच अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के प्रबंधक निदेशक राधेश्याम को सौंपी गई है। प्रमुख सचिव के इस आदेश के बाद दोनों अफसरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी की जा सकती है।
समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में हुए घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को सहयोग नहीं मिल पा रहा है। महीनों बाद भी कौड़िहार आश्रम पद्धति विद्यालय के संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इस पर एसआईटी ने निदेशालय को कार्रवाई के लिए लिखा है। इसी क्रम में निदेशालय की ओर से संबंधित के खिलाफ एफआईआर लिखाने का आदेश दिया गया है। निदेशालय के आदेश के क्रम में जिला समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र सिंह की ओर से भी विद्यालय प्रभारी को कई बार एफआईआर लिखाने के लिए लिखा गया, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई।
उप निदेशक की जांच रिपोर्ट के अनुसार 10 लाभार्थियों की दो बार अलग-अलग तारीखों में शादी कराई गई है। खास यह कि घोटाला खुलने के बाद ज्यादातर लाभार्थियों ने राशि वापस भी कर दी। इससे अनियमितता की पुष्टि स्वत: हो गई। इसके अलावा नियम विरुद्ध सामान्य वर्ग में अल्पसंख्यक वर्ग के आवेदक को शादी अनुदान का लाभ दे दिया गया। गलत तरीके से लाभ पाने वाले आवेदक अखिलेश नारायण, अशोक कुमार, बजरंग प्रसाद, बरमदेई, भोलानाथ, बुधानी, गीता देवी, ज्ञान देवी, हरिश्चंद्र एवं कलौता देवी हैं।
प्रमुख सचिव ने की अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति, बैठाई उच्च स्तरीय जांचप्रयागराज। समाज कल्याण विभाग की शादी अनुदान योजना घोटाला मामले में प्रमुख सचिव डॉ.हरिओम ने प्राथमिक जांच में दोषी पाए गए तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह और सुधीर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति कर दी है। साथ ही उन्होंने उच्च स्तरीय जांच भी बैठा दी है। जांच अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के प्रबंधक निदेशक राधेश्याम को सौंपी गई है। प्रमुख सचिव के इस आदेश के बाद दोनों अफसरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी की जा सकती है।