तुर्कपुरवा के शोहदे खुलेआम करते हैं छेड़खानी और कमेंट
प्रयागराज (राजेश सिंह)। सोमवार को स्कूल से घर लौट रही बहन के साथ भाई की शोहदों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। क्योंकि वह बहन से छेड़खानी कर रहे शोहदों का विरोध किया था। स्थानीय लोगों ने बताया, बेटियां तुर्कपुरवा से गुजरते समय शोहदों के डर से सिर नीचे कर लेती है। समुदाय विशेष के लोग छात्राओं पर खुलेआम छेड़खानी और कमेंट करते हैं। "पीड़िता मां का आरोप है कि मंगलवार को पुलिस से बेटे का शव मांगने पर उनकी पिटाई की।
सूरज वार्ता की टीम खीरी पहुंचकर पीड़ित और लोगों से बातचीत की
खीरी चौराहे से एक किलोमीटर दूर जहां छात्र की जहां हत्या हुई उसके आस-पास गैर हिंदुओं के घर हैं। जिस समय छात्रा के साथ मारपीट-छेड़खानी हुई। उस वक्त समुदाय विशेष के करीब 20 लोग तमाशा देख रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया " बेटियां हर दिन स्कूल जाते वक्त तुर्कपुरवा से अपना सिर नीचे कर लेती हैं। इसके बाद भी शोहदे कमेंट और गंदी-गंदी फब्तियां कसते हैं। पुलिस सबकुछ जानकर भी अनजान बनी रहती है। बेटियों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है। कई लोगों ने अपनी बेटियों की पढाई तक छुड़वा दिए है।"
पीड़ित छात्रा ने बताया," ग्राम प्रधान के पैर पकड़कर हम अपने भाई की जान बचाने उसे बक्श देने की गुहार लगाते रहे। मगर कोई अपनी जगह से हिला तक नहीं। हमलावर ताबड़तोड़ भाई पर वार करते रहे और वह लहुलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। ग्राम प्रधान ने मुझे एक लात मारी और वहां से चला गया। हमें बचाने कोई आगे नहीं आया। हम गिड़गिड़ाते रह गए। काश! कोई आगे आया होता तो मेरा भाई बच गया होता। "
दरअसल, खीरी ग्राम सभा में करीब 1400 घर हैं। सड़क के एक तरफ खीरी बाजार है। जिसमें हिंदू रहते हैं, जबकि तुर्कपुरवा में गैर हिंदू रहते हैं। तुर्कपुरवा में करीब 400 घर हैं। इसकी आबादी 5 हजार है। खीरी बाजार में करीब 1000 घर और 14 हजार की आबादी है। स्थानीय लोगों ने बताया, " गैर हिंदू बिरादरी का प्रधान चुनाव जीत गया। इससे उस समुदाय का मनोबल बढ़ गया है। वह पहले से अपराधी रहा है। आए दिन वह किसी न किसी से मारपीट करता था।"
छात्र सत्यम की मौत के बाद उसकी मां श्यामा देवी रो-रोकर बुरा हाल है। श्यामा देवी जब खीरी थाने का ग्रामीणों का घेराव कर रही थीं, तभी पैरा मिलिट्री के एक जवान ने उन पर डंडा बरसा रहे थे। उनका आरोप है कि पुलिसकर्मियों से बेटे का शव मांगा, उस दौरान उन्होंने पिटाई की।
परमानंद इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल राजेश पांडेय ने बताया कि स्कूल में यह पहली घटना है। छात्राओं को सुरक्षा के लिहाज से 20 मिनट पहले छोड़ दिया जाता है।
परमानंद इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल राजेश पांडेय ने बताया कि स्कूल में यह पहली घटना है। छात्राओं को सुरक्षा के लिहाज से 20 मिनट पहले छोड़ दिया जाता है। मैनेजर पांडेय ने बताया कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले। शोहदों के डर से कई लोगों ने बेटियों का स्कूल तक छुड़वा दिया है।
'स्कूल में कोई विवाद-छेड़खानी नहीं हुई'
परमानंद पांडेय इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल राजेश पांडेय ने बताया," स्कूल में किसी तरह की छेड़खानी या विवाद नहीं हुआ था। लंच के समय सत्यम शर्मा और कुछ अन्य बच्चों के बीच विवाद हुआ था। उस समय अध्यापक ने डांट-फटकार कर शांत करा दिया था। स्कूल में करीब 1600 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इनमें 900 छात्राए पढ़ती है। उनकी क्लास अलग चलती है। सुरक्षा के लिहाज से उन्हें 20 मिनट पहले स्कूल से छोड़ते है। इसके बाद छात्रों को छोड़ा जाता है।"
उन्होंने कहा, " तुर्कपुरवा में गुमटी पर शोहदे बैठे रहते हैं। स्कूल आती-जाती छात्राओं के साथ छेड़खानी और कमेंट पास करते थे। छात्राएं आकर स्कूल में बताती थीं। इसकी शिकायत कई बार खीरी थाने में की है। इसके बाद पुलिस थाने आई, मगर शोहदे मानते नहीं है।
सत्यम शर्मा इसी परमानंद स्मारक इंटर कॉलेज का छात्र था।
स्थानीय मैनेजर ने बताया , " खीरी की लड़कियाें में तुर्कपुरवा के शोहदों से डर है। उनके डर से बेटियां सिर नीचे करके स्कूल जाती है। ये भी नही डरती कहीं, आगे किसी गाड़ी से लड़ या भिड़ न जाएं। यहां एक दशक से यही हाल है। कोई पेरेंट्स जब भी छेड़खानी का विरोध किया, तो तुर्कपुरवा के दबंग उनकी भरे बाजार में पिटाई करते।"
उन्होंने कहा, "योगी सरकार में अगर बहन-बेटियों का घर से निकलना मुश्किल है, तो आप सोच सकते हैं कि अन्य सरकारों में यहां क्या माहौल रहा हाेगा। कई अभिभावकों ने तो परमानंद इंटर कॉलेज में बच्चियों की पढ़ाई ही इसीलिए छुड़वा दी क्योंकि उन्हें तुर्क पुरवा से होकर गुजरना पड़ता है।"
स्थानीय लोग सीएम योगी से मांग करते हैं कि छात्र की हत्या और छात्रा के साथ छेड़खानी करने वाले आरोपियों के घर बुलडोजर की कार्रवाई हो। बेटियों के साथ सरेराह छेड़खानी बंद होना चाहिए।"
बेटे सत्यम शर्मा की हत्या के बाद उसकी मां -रोकर यही कहती रही हमें न्याय चाहिए सरकार।
काफी समझाने बुझाने के बाद भीड़ ने सत्यम की मां श्यामा देवी को बातचीत के लिए अंदर भेजा। डीएम और पुलिस कमिश्नर अमित शर्मा के समझाए जाने के बाद सत्यम की मां श्यामा देवी मान गईं और एक वाहन में सत्यम की मां और उनके कुछ करीबी रिश्तेदारों को बैठाकर प्रयागराज के लिए रात में ही रवाना कर दिया गया। हजारों की संख्या में मौजूद भीड़ को इस बात की भनक नहीं लगने दी गई ताकि माहौल ना बिगड़े। सत्यम की डेड बॉडी का प्रयागराज के दारागंज श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान वहां भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। खीरी में एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात है।