गांव के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं -योगेश शुक्ल
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
गांवों के बुनियादी विकास में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और पंचायतों के विकास के लिए प्रधानों को सपने देखना चाहिए।पीएम मोदी के सपनों की बदौलत आज भारत चंद्रयान -3 लांच करने में सफल रहा। गांव के विकास के बिना देश के विकास का सपना देखना संभव नहीं है।उक्त उद्गार भाजपा के वरिष्ठ नेता योगेश शुक्ल ने गुरुवार को मेजा ब्लॉक के सभागार में अखिल भारतीय प्रधान संगठन द्वारा आयोजित पंचायत चौपाल में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से एक बच्चे को चलने के लिए दूसरे के अंगुली की जरूरत होती है वैसे ही देश के विकास के लिए गांव का विकसित होना जरूरी है।इसके लिए ग्राम प्रधान ही एक विकल्प है। उन्होंने कहा कि निसंदेह पंचायतों की भूमिका अब इतनी सीमित नहीं है उन्हें जरूरी अधिकार और धन दोनों ही चीजें मिल रही हैं जिसका असर अब जमीनी स्तर पर दिखता है। भारत की आत्मा गांवों में है।उन्होंने प्रधानों को समझाते हुए कहा कि गांधी जी ने भी गांवों के विकास के लिए सपना देखा था।वही सपना मोदी देख रहे हैं और जब प्रधान गांव के विकास के लिए सपने देखेंगे तो निश्चित रूप से गांव विकसित होगा।भारत को गांवों का देश कहा जाता है जहां आज भी 70 प्रतिशत आबादी निवास करती है।गांव सामाजिक अभियानों में पंचायतों की भागीदारी- स्वच्छ भारत अभियान का असर देशव्यापी पूरी दुनिया ने देखा। उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत भारतीय 2 वर्ष पूर्व तक खुले मे शौच कर रहा था, लेकिन पंचायतों ने विभिन्न जन-जागृति अभियानों के माध्यम से गांवों में उल्लेखनीय कार्य किया है। इसी का नतीजा है कि आज घर-घर शौचालय है।
स्वच्छ ईंधन की दिशा में हम बहुत आगे तक आ चुके हैं। निसंदेह इसके लिए पंचायते न्यायवाद का पात्र हैं। आज शिक्षा का अधिकार कानून के तहत हर गांव में स्कूलों का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। उसमें भी पंचायतों की बड़ी भूमिका है जिसकी देखरेख में ये योजनाएं फलफूल रही हैं। मनरेगा के तहत पंचायतों को ना केवल ग्रामीणों को सौ दिन रोजगार देने का अधिकार प्राप्त हुआ बल्कि इसके माध्यम से
गांव का विकास हुआ है।
श्री शुक्ला ने गांव के विकास के लिए प्रधानों को अपने नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया।कहा कि परमात्मा ने आपको सेवा करने का अवसर दिया है।सभी प्रधान अपने कर्तव्य की चिंता करें,कोई भूखा न मरे।उनका मानना है कि आने वाले समय में सभी ग्राम पंचायतें विकसित होंगी।श्री शुक्ल ने कहा कि सभी प्रधान जिम्मेदारी पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहन करें।आपकी नैतिक ताकत कमजोर नहीं होने देंगे।विशिष्ट अतिथि प्रमुख प्रतिनिधि गंगा प्रसाद मिश्र ने कहा कि प्रधानों को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा तभी गांव का सर्वांगीण विकास होगा।उन्होंने कहा कि मनरेगा ऐसी योजना है कि अपने गांव का विकास कर सकते हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र त्रिपाठी ने कहा कि प्रधान पंचायती राज से मिलने वाली विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वयन कर गांव के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं,लेकिन सरकार भी प्रधानों के कर्तव्य को देखते हुए उन्हें मिलने वाली सुविधाओं पर भी विचार करना होगा।इससे पूर्व अखिल भारतीय प्रधान संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि योगेश शुक्ल व विशिष्ट अतिथि गंगा प्रसाद मिश्र का माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता तहसील अध्यक्ष शरणजीत भुर्तिया और संचालन संगठन के जिला उपाध्यक्ष अनिल शुक्ला ने किया।इस मौके पर जिलाध्यक्ष सुरेश त्रिपाठी,अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष काजी मुअज्जम पप्पू,प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रधान नीलम पथिक,रामजी यादव,पुष्पराज सिंह, योगेश के प्रतिनिधि विनय शुक्ला,हरिकांत पांडेय,अखिलेश सिंह,मुलायम सिंह,अरशद अली,मुरारी यादव,राकेश यादव, रामधारी बिंद,ऊषा देवी पटेल और सिरहिर की प्रधान सुषमा देवी मौजूद रही।