प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज में 14 जून को मां-बेटी पर हमला हुआ था। इसमें दोनों का ही अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन बेटी ने अब हमेशा के लिए आंखें बंद कर ली है। तकरीबन डेढ़ महीने तक जिंदगी और मौत के बीच की लड़ाई वह हार गई। डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन आखिरकार बेटी प्रीति की सांस थम गई।
14 जून की रात खीरी के चैलारी गांव में सोते वक्त महिला धर्मशिला और उसकी बेटी प्रीति पर चापड़ से घातक हमला किया गया था। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान रात में 15 वर्षीय प्रीति की मौत हो गई।
खीरी के चैलारी गांव का रमेश कुमार पाल सूरत में रहकर नौकरी करता है। उसकी पत्नी धर्मशिला पाल 15 वर्षीय बेटी प्रीति के साथ गांव में रहकर जीवन यापन करती है। धर्मशिला अपने गांव की आशा बहू के तौर पर कार्यरत है। 14 जून की रात वहां बेटी के साथ घर के पिछले हिस्से में चारपाई पर सो रही थी तभी उस पर चापड़ से जानलेवा हमला किया गया था।
धर्मशिला ने खुद मोबाइल से फोन कर पुलिस को सूचना दी जिसके बाद उसे बेटी समेत पहले स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया फिर शहर में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल लाकर भर्ती किया गया। तबसे प्रीति की हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। गले पर गहरी चोट की वजह से उसकी जान पर खतरा मंडरा रहा था। शुक्रवार आधी रात प्रीति ने दम तोड़ दिया। इस घटना में धर्मशिला के पिता की तरफ से मुकदमा लिख कर खीरी थाने की पुलिस ने गांव के पूर्व कोटेदार सुरेश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोप है कि पति के बाहर रहने से यहां बेटी संग रहने वाली धर्मशिला पर सुरेश खराब नियत रखता था। घटना से कुछ ही दिन पहले धर्मशिला ने थाने जाकर कोटेदार के खिलाफ शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने इस मामले में एक्शन नहीं लिया। अब घायल प्रीति की अस्पताल में मौत होने के बाद पुलिस इस वारदात में हत्या की धारा बढ़ाकर कार्रवाई करेगी।