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तिहरे हत्याकांड मामले में घायल युवक के पेट से निकाली गई गोली, डॉक्टरों ने किया सफल आपरेशन

SV News

कौशांबी (राजेश सिंह)। कौशाम्बी के पंडा चौराहे पर भूमि विवाद को लेकर बेटी दामाद और ससुर की हत्या के बाद ग्रामीणों के आक्रोश का शिकार बने अनूप सिंह के पेट से डॉक्टरों ने आपरेशन कर सफलतापूर्वक गोली निकाल ली। शुक्रवार की देर रात उसका आपरेशन किया गया। पेट में गोली फंसने के कारण उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। भीड़ के हमले में उसे काफी चोटे आई हैं। एक्सरे रिपोर्ट में गोली पेट में फंसी मिली। इसके बाद उसका आपरेशन किया गया।
मेडिसिन विभाग के सर्जन डॉ. वीके पांडेय के नेतृत्व में चिकित्सकों ने आपरेशन कर अनूप सिंह के पेट से गोली निकाली। उसकी हालत फिलहाल नाजुक और स्थिर बनी हुई है। डॉक्टर पांडेय के मुताबिक अनूप को आईसीयू में रखा गया है। उसकी गहन निगरानी की जा रही है। उसके लिए अगले 24 घंटे बेहद अहम हैं।
‘भाेर में पांच बजे का वक्त था। घरवाले नींद से जगे ही थे। मैं मुंह धुलने के लिए आंगन में आया और तभी अचानक हाथ में लाठी-डंडा, कुल्हाड़ी व असलहे लिए 10-12 लोग घर में घुस आए। कुछ समझ पाता, इससे पहले ही उन्होंने गालियां देनी शुरू कर दीं। अगले ही पल एक व्यक्ति ने मुझे गोली मार दी। इसके बाद न सिर्फ मेरे बल्कि पड़ोस में रहने वाले दो चाचा के घर में भी आग लगा दी।’
कौशाम्बी के संदीपन घाट थाना क्षेत्र निवासी अनूप सिंह जब यह बातें बता रहा था, तो उसकी आंखें भर आईं। दर्द से कराहते हुए भरी हुई आंखों से उसने बताया कि वह घर में ही किराना की दुकान चलाता है। घर में दो बच्चे हैं और पत्नी के अलावा माता-पिता भी रहते हैं। रोज की तरह शुक्रवार सुबह पत्नी उठी और बच्चों के लिए टिफिन बनाने लगी।
मेरी नींद खुली तो मैंने सोचा कि मुंह धुलकर बच्चों को जगा दूं। आंगन में जाकर मुंह धुल रहा था कि अचानक 10-12 लोग घुस आए। उनके हाथ में लाठी डंडा, कुल्हाड़ी व असलहे भी थे। आते ही उन्होंने गालियां देनी शुरू कर दी। कुछ समझ नहीं आया कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं।
अगले ही पल एक व्यक्ति ने असलहा निकालकर गोली चला दी जो सीने में लगते ही मैं जमीन पर गिर पड़ा। गोली चलने की आवाज सुनकर घरवाले आए तो हमलावरों ने ललकारते हुए घर में आग लगा दी। इसके बाद पड़ोस में रहने वाले मेरे चाचा सुरेंद्र सिंह व अशोक सिंह के घर में भी आग लगा दी। तीनों परिवारों में चीख-पुकार मच गई और हमलावर धमकाते हुए चले गए। घरवाले जिला अस्पताल ले गए और फिर वहां से पुलिस एसआरएन अस्पताल ले आई।
अनूप ने बताया कि हमलावर पड़ोस में स्थित छबिलवा गांव के थे। सभी एक ही जाति के थे। उन्होंने हमला क्यों किया, इस सवाल पर अनूप ने कहा कि उसे कुछ भी नहीं मालूम था। न ही उसके परिवारवालों को कुछ पता था। बाद में पता चला कि छबिलवा में रात में हत्या हो गई है। इसी को लेकर पूरा बवाल हुआ। उसने बताया कि उस घटना से उसका या उसके परिवारवालों का कोई लेना-देना नहीं है।
अनूप ने बताया कि हमलावरों के सिर पर खून सवार था। उसे गोली मारने के बाद कुछ लोगों ने उसके व उसके दो चाचा के घर में आग लगा दी। उधर बाकी हमलावर पूरी बस्ती फूंकने की बात कर रहे थे। वह अपने साथियों को ललकार रहे थे कि एक भी घर बचना नहीं चाहिए।

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